जाट आरक्षण आंदोलन को लेकर 2 गुटों में बंटे आंदोलनकारी

Edited By Updated: 28 Jan, 2017 12:05 PM

agitator divided into 2 groups

आरक्षण की मांग को लेकर हरियाणा में जाटों का आंदोलन शुरू होने से पहले ही गुटों में बंट कर रह गया है।

हिसार (संजय अरोड़ा):आरक्षण की मांग को लेकर हरियाणा में जाटों का आंदोलन शुरू होने से पहले ही गुटों में बंट कर रह गया है। जहां एक गुट मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद सरकार व सी.एम. खट्टर पर विश्वास करते हुए आंदोलन को स्थगित करने की बात कर रहा है तो दूसरा गुट 29 जनवरी से शुरू किए जाने वाले आंदोलन को लेकर अडिग है। यही नहीं दोनों गुटों के नेता एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलाए हुए हैं। इसी दौरान सरकार भी जहां आंदोलन पर निगाह बनाए हुए हैं वहीं अतीत के लम्हों से सबक लेते हुए कानून को हाथ में लेने वालों के खिलाफ पूरी सख्ती से निपटने के मूड में हैं। यही वजह है कि इस बार आंदोलनकारी भी निरंतर इस बात को पुख्ता करने में जुटे हुए हैं कि उनका आंदोलन शांतिपूर्ण ही होगा। इसी आंदोलन की वजह से किसी को किसी प्रकार का नुकसान पहुंचाने अथवा यातायात को अवरुद्ध का प्रयास नहीं किया जाएगा। 

गौरतलब है कि जाट आरक्षण की मांग को लेकर अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के बैनर तले 29 जनवरी से संघर्ष करने का एलान किया गया था। इसी के मद्देनजर जाट नेता यशपाल मलिक आंदोलन की रूपरेखा तय करने में मशगूल रहे तो वहीं दूसरी ओर जाट नेता हवा सिंह सांगवान के नेतृत्व में जाट नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल आज चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मिला और उनके समक्ष अपनी मांगों को रखा। इसी प्रतिनिधि मंडल द्वारा मुख्यमंत्री के समक्ष मुख्य रूप से 2 मांगें रखी गईं। हवा सिंह सागवान के मुताबिक मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि इस बारे में कानून विशेषज्ञों से राय के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। सांगवान ने बताया कि मुख्यमंत्री के इस आश्वासन के बाद उन्होंने अपना आंदोलन 26 फरवरी तक स्थगित कर दिया है।

वहीं दूसरी ओर इसी बैनर से जुड़े जाट नेता यशपाल मलिक ने साफ कहा कि वे जाट आरक्षण की मांग को लेकर 29 जनवरी से शुरू किए जाने वाले आंदोलन पर अडिग हैं और 29 जनवरी से पूरे हरियाणा में जिला स्तर पर अनिश्चतकालीन धरने शुरू किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जब तक केंद्र व प्रदेश में जाट आरक्षण लागू नहीं होता, आरक्षण आंदोलन दौरान युवाओं पर दर्ज मुकद्दमे वापस नहीं होते, उन्हें जेलों से रिहा नहीं किया जाता, शहीदों के परिजनों को सरकारी नौकरी नहीं मिलती तथा सरकार उच्च न्यायालय में आरक्षण को लेकर ठोस पैरवी नहीं करती तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनका आंदोलन पूरी तरह से शांतिपूर्ण होगा और उनके आंदोलन की वजह से किसी को कोई परेशानी न हो, ऐसा प्रयास सुनिश्चित किया जाएगा। 

सांगवान की बात का नहीं है कोई महत्व:मलिक
जाट नेता यशपाल मलिक का कहना है कि हवा सिंह सांगवान व उनके साथी सरकार के ही आदमी हैं और जब चाहे सरकार से बात करने पहुंच जाते हैं और समझौता करके आंदोलन टालने की बात कहते हैं, इसलिए उनकी बात का कोई महत्व नहीं है, न ही प्रदेश का जाट वर्ग उन पर भरोसा करता है। मलिक का यह भी कहना है कि 29 जनवरी से शुरू होने वाला जिला स्तरीय अनिश्चितकालीन धरना तब तक जारी रहेगा जब तब सरकार उनकी सारी मांगों को मान नहीं लेती। 

मुख्यमंत्री के आश्वासन पर दिया है समय:सांगवान
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति से जुड़े हवा सिंह सांगवान का कहना है कि जब मुख्यमंत्री ने उन्हें मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया है तो फिर आंदोलन की कोई बात फिलहाल नहीं रह जाती, इसलिए हमनें भी सरकार को 25 फरवरी तक का समय दिया है। यदि इस अवधि दौरान सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो फिर 26 फरवरी को जींद में बड़ी रैली करके जाट आंदोलन का बिगुल बजा दिया जाएगा। सांगवान ने यशपाल मलिक की आलोचना करते हुए कहा कि वे प्रदेश के जाटों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। वे उत्तरप्रदेश के रहने वाले हैं और वहां जाकर आंदोलन करें, यहां के लोगों को परेशान न करें। सांगवान ने यह भी कहा कि वे यशपाल मलिक के साथ जुड़े युवा वर्ग को भी समझाने का प्रयास करेंगे कि वे मलिक का साथ छोड़ दें। 

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