उड़ता पंजाब के बाद अब ‘उड़ता हरियाणा’, विधानसभा चुनाव में बना बड़ा मुद्दा

Edited By Isha, Updated: 18 Oct, 2019 10:20 AM

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पंजाब विधानसभा चुनाव के बाद अब हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी नशा एक बड़े मुद्दे के रूप में सामने आया है। दिलचस्प बात यह है कि प्रदेश में सत्ताधारी भाजपा सहित विपक्षी

डेस्क(संजय अरोड़ा): पंजाब विधानसभा चुनाव के बाद अब हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी नशा एक बड़े मुद्दे के रूप में सामने आया है। दिलचस्प बात यह है कि प्रदेश में सत्ताधारी भाजपा सहित विपक्षी दलों कांग्रेस, इनैलो, जजपा व अन्य दलों के नेता भी इन चुनावों में प्रदेश में फैलते नशे को एक बड़ा मुद्दा बनाते हुए जनता से न केवल नशे के इस कारोबार को पूरी तरह से समाप्त करने का वायदा कर रहे हैं, बल्कि सत्ता व विपक्ष एक-दूसरे पर इसी मुद्दे पर वार करने से भी नहीं चूक रहे। 

हरियाणा में 5 वर्षों से सत्ता पर काबिज भाजपा के सभी नेता यहां तक कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी अपनी सभाओं में पंजाब के बाद अब हरियाणा के कुछ इलाकों के नशे की गिरफ्त में आने का मुद्दा उठाते हुए अंकुश लगाने का दावा करने के साथ-साथ अगली सरकार में इसे पूर्ण रूप से समाप्त करने का वायदा कर रहे हैं,तो वहीं विपक्षी दलों के सभी नेता नशे को ही बड़ा इश्यू बनाते हुए वर्तमान भाजपा सरकार को ही इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हैं। 

विपक्षी नेताओं का कहना है कि पिछले 5 वर्षों में भाजपा की सरकार दौरान ही हरियाणा में नशे के कारोबार ने अपने  पांव पसारे हैं और हजारों युवा इसका शिकार होकर रह गए हैं।  गौरतलब है कि चुनाव में हरियाणा के सीमांत इलाकों के लोग भी इसके खिलाफ जमकर बोल रहे हंै तो वहीं कई दलों ने तो अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी नशे के इस कारोबार को समाप्त करने का वायदा किया है। 

नशे से बढ़ रहे हैं अपराध
उल्लेखनीय है कि उड़ता पंजाब के बाद अब हरियाणा विधानसभा चुनाव में ‘उड़ता हरियाणा’ एक हॉट इश्यू बना हुआ है। हरियाणा में भुक्की, अफीम के बाद चिट्टा जैसे सिंथैटिक ड्रग्स ने तेजी से पांव पसारे हैं। खासकर हरियाणा के सीमांत इलाकों में यह एक गंभीर समस्या बनकर सामने आई है। नशे की वजह से नौजवानों का जीवन बर्बाद हो रहा है। उनकी शादी नहीं हो रही है। वैवाहिक बंधनों में दरारें आ रही हैं। यहां तक कि नशे की वजह से जमीनें तक बिक रही हैं और अपराध भी बढ़ रहे हैं। हरियाणा में 21 अक्तूबर को विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में इस समय नशा सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है।

सीमांत इलाकों में फैला सिंथैटिक नशे का कारोबार
गौरतलब है कि हरियाणा के पंजाब,राजस्थान व दिल्ली से सटे सिरसा, फतेहाबाद, कैथल, अम्बाला के अलावा गुरुग्राम व फरीदाबाद जैसे क्षेत्र तेजी से नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं। सिरसा व फतेहाबाद दोनों जिले पंजाब से सटे हैं। यहां पर तो चिट्टा जानलेवा साबित हो रहा है।

पिछले कुछ समय से ही यहां नशे की वजह से अनेक नौजवानों की मौत हो चुकी है। अफीम के अलावा चिट्टा,म्याऊं-म्याऊं,चार्ली जैसे नशे का चलन यहां होने लगा है। नारकोटिक्स इंडिया की 2017 रिपोर्ट अनुसार ही वर्ष 2017 में हरियाणा में 747 मामले दर्ज करते हुए 4,574 किलोग्राम गांजा बरामद किया गया। वहीं 559 केस दर्ज करते हुए 16.39 किलोग्राम हैरोइन बरामद की गई।   

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