Edited By vinod kumar, Updated: 23 Aug, 2021 08:29 PM
टोक्यो ओलंपिक 2020 की सफलता के बाद अब दुनिया भर की नजरें पैरालंपिक पर टिक गई हैं। 24 अगस्त से टोक्यो में ही पैरालंपिक खेलों की शुरुआत हो रही है। इस पैरालंपिक में भी हरियाणवी दम देखने को मिलेगा। देश के 54 सदस्यीय दल में हरियाणा के 19 खिलाड़ी शामिल...
डेस्क: टोक्यो ओलंपिक 2020 की सफलता के बाद अब दुनिया भर की नजरें पैरालंपिक पर टिक गई हैं। 24 अगस्त से टोक्यो में ही पैरालंपिक खेलों की शुरुआत हो रही है। इस पैरालंपिक में भी हरियाणवी दम देखने को मिलेगा। देश के 54 सदस्यीय दल में हरियाणा के 19 खिलाड़ी शामिल है, जबकि ओलंपिक में 121 खिलाड़ियों में से 31 खिलाड़ी हरियाणा के थे। इन हरियाणा के खिलाड़ियों ने बेहतर खेल दिखाया और पदक जीत कर देश सहित प्रदेश का नाम ऊंचा किया। अब ऐसे ही प्रदर्शन की आस पैरालंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले हरियाणा के खिलाड़ियों से है।
उम्मीद लगाई जा रही है कि ओलंपिक की तरह पैरालिंपिक में भी हरियाणा के खिलाड़ी देश को मेडल दिलाएंगे। इसके लिए शुभकामनाओं को दौर भी शुरु हो गया। मुख्यमंत्री सहित कई नेता खिलाड़यों को जीत के लिए शुभकामनाएं दे चुके हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर ट्वीट कर लिखा है कि टोक्यो में आयोजित होने जा रही पैरालंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने जा रहे सभी 54 खिलाड़ियों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। मुझे गर्व है कि इन खिलाड़ियों में हरियाणा के 19 खिलाड़ी अपना दम-खम दिखाएंगे और अपने खेल कौशल से देश व प्रदेश का नाम रोशन करेंगे।
बता दें 2016 पैरालंपिक में शॉटपुट में हरियाणा के सोनीपत की दीपा मलिक ने रजत पदक जीतकर इतिहास रचा था। दीपा 4.61 मीटर तक गोला फेंक कर दूसरे स्थान पर रहीं। वह पैरालिंपिक खेलों में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी थी। दीपा मलिक 30 की उम्र में तीन ट्यूमर सर्जरीज और शरीर का निचला हिस्सा सुन्न हो जाने के बावजूद उन्होंने न केवल शॉटपुट एवं जैवलिन थ्रो में राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक जीते हैं, बल्कि तैराकी एवं मोटर रेसलिंग में भी कई स्पर्धाओं में हिस्सा लिया है।
पैरालंपिक खेलों की शुरुआत 1960 में हो गई थी, लेकिन भारत ने तेल अवीव पैरालंपिक (1968) में पहली बार भाग लिया था। 1984 के पैरालंपिक से भारत इन खेलों में लगातार भाग लेता आया है। अब तक भारत ने 11 पैरालंपिक खेलों में हिस्सा लिया है। इस दौरान भारतीय खिलाडियों ने चार स्वर्ण, चार रजत और चार कांस्य पदक जीते हैं। सबसे खास बात यह है कि इनमें से 10 पदक एथलेटिक्स के इवेंट्स में हासिल हुए हैं। भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रियो पैरालंपिक (2016) में रहा था, जहां उसने दो स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक जीते थे। अबकी बार टोक्यो पैरालंपिक में भारत रियो के प्रदर्शन को बेहतर करने की कोशिश करेगा।
प्रदेश के ये खिलाड़ी पैरोलिंपिक में करेंगे प्रतिनिधित्व
नाम |
इवेंट |
जिला |
सुमित |
जैवलिन थ्रो |
सोनीपत |
अमित सरोहा |
क्लब थ्रो |
सोनीपत |
धर्मबीर |
क्लब थ्रो |
सोनीपत |
रामपाल |
हाई जंप |
झज्जर |
नवदीप |
जैवलिन |
पानीपत |
योगेश कथूरिया |
डिस्कस थ्रो |
झज्जर |
विनोद कुमार |
डिस्कस थ्रो |
रोहतक |
रणजीत भाटी |
जैवलिन थ्रो |
फरीदाबाद |
अरविंद |
शॉटपुट |
हिसार |
टेकचंद |
शॉटपुट |
रेवाड़ी |
एकता भ्यान |
क्लब थ्रो |
हिसार |
हरविंद्र |
तिरंदाजी |
कैथल |
अरुणा तंवर |
ताइक्वांडो |
भिवानी |
अरुणा तंवर |
ताइक्वांडो |
भिवानी |
मनीष नरवाल |
शूटिंग |
फरीदाबाद |
सिंह नरवाल |
शूटिंग |
फरीदाबाद |
जयदीप |
पावर लिफ्टिंग |
रोहतक |
तरुण ढिल्लो |
बैडमिंटन |
हिसार |
राहुल जाखड़ |
शूटिंग |
झज्जर |
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