कपास के बाद गेहूं के सरकारी बीज पर भी उठे सवाल

Edited By vinod kumar, Updated: 04 Jan, 2020 12:03 PM

after cotton there were questions on the government seed of wheat

खरीफ सीजन में सरकार द्वारा दिए गए कपास के बीज के बाद अब रबी सीजन में गेहंू के बीज की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गए हैं। रोहणा गांव के किसान ने हरियाणा बीज विकास निगम लिमिटेड से खरीदे गए गेहूं के बीज की गुणवत्ता के खिलाफ कृषि विभाग को शिकायत दी है...

सोनीपत(स.ह.): खरीफ सीजन में सरकार द्वारा दिए गए कपास के बीज के बाद अब रबी सीजन में गेहंू के बीज की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गए हैं। रोहणा गांव के किसान ने हरियाणा बीज विकास निगम लिमिटेड से खरीदे गए गेहूं के बीज की गुणवत्ता के खिलाफ कृषि विभाग को शिकायत दी है जिसके बाद कृषि विभाग ने भी मामले की जांच करने की तैयारी शुरू कर दी है। दरअसल, खरीफ सीजन में जल संरक्षण के लिए सरकार ने धान की बजाय किसानों को कपास की बिजाई करने के लिए प्रेरित किया था जिसके अंंतर्गत सरकार द्वारा किसानों को सबसिडी पर बीज भी उपलब्ध कराया था। 

बड़ी संख्या में किसानों ने सबसिडी पर बीज लेकर कपास की बिजाई की थी परन्तु जब कपास की फसल तैयार हुई तो जिन किसानों ने सरकारी बीज का इस्तेमाल किया था, उनके खेत में कपास का उत्पादन 50 से 60 प्रतिशत तक कम हुआ जिसके विरोध में किसानों ने जमकर प्रदर्शन किया था, वहीं सरकार से मुआवजे की मांग भी की थी। वहीं अब गेहूं के बीज की गुणवत्ता की शिकायत सामने आई है। 

देवेन्द्र कुहाड़, सहायक  तकनीकी अधिकारी, कृषि  विभाग ने कहा कि  रोहणा गांव के किसान ने गेहूं के बीज की कम गुणवत्ता होने की शिकायत विभाग को की है। किसान की शिकायत को गम्भीरता से लेते हुए जांच की तैयारी कर ली गई है। जल्द ही इसकी रिपोर्ट तैयार कर ली जाएगी। 

किसान का आरोप, सिर्फ 30 प्रतिशत ही गेहूं की हुई उगाई 
रोहणा गांव निवासी उदयभान ने बताया कि खरखौदा स्थित हरियाणा बीज विकास निगम लिमिटेड की दुकान से गेहूं की बिजाई के लिए पांच बैग बीज खरीदा था। किसान ने बताया कि 2 एकड़ के लिए उसने गेहूं की किस्म 1124 का बीज खरीदा था, वहीं 3 एकड़ के लिए अन्य किस्म का बीज खरीदा था। इसके लिए उसने करीब 4700 रुपए अदा किए थे और बीज की बिजाई भी सही समय पर कर दी थी। पीड़ित किसान ने बताया कि गेहूं की किस्म 1124 का बीज सही उगा परन्तु 3 एकड़ में उगाए गए अन्य किस्म का बीज महज 30 प्रतिशत ही उगा है। यही नहीं जो बीज के जो पौधे उगे हैं उनकी ग्रोथ भी ठीक ढंग से नहीं हो पा रही है। किसान ने कृषि अधिकारियों से मांग की कि जल्द से जल्द मामले की जांच की जाए तथा उसे मुआवजा दिलवाया जाए। 

जांच के बाद मुख्यालय भेजी जाएगी रिपोर्ट 
सरकार द्वारा दिए गए कपास के बीज की गुणवत्ता खराब मिलने से किसानों को काफी नुक्सान झेलना पड़ा था। यही नहीं विभाग को भी किसानों की नाराजगी झेलनी पड़ी थी। वहीं अब इसी तरह से गेहूं के बीज की गुणवत्ता का मामला सामने आने के बाद कृषि विभाग सतर्क हो गया है। ऐसे में विभाग जल्द से जल्द मामले की जांच करने की तैयारियों में जुट गया है। 
    

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