Edited By Deepak Paul, Updated: 04 Sep, 2018 03:42 PM
रक्षाबंधन पर मंजू के मायके ना जाने का पता अगर देव को नहीं लगता तो शायद 20 साल बाद भी मंजू का परिवार नहीं मिल पाता। इंटरनेट जैसी सुविधाओं की वजह से आज अपने बिछुडे मां बाप से मिलकर मंजू खुश है। माता-पिता के भी आंसु रूकने का नाम नहीं ले रहे है। हालांकि...
रोहतक(दीपक भारद्वाज): रक्षाबंधन पर मंजू के मायके ना जाने का पता अगर देव को नहीं लगता तो शायद 20 साल बाद भी मंजू का परिवार नहीं मिल पाता। इंटरनेट जैसी सुविधाओं की वजह से आज अपने बिछुडे मां बाप से मिलकर मंजू खुश है। माता-पिता के भी आंसु रूकने का नाम नहीं ले रहे है। हालांकि अब मंजू की शादी रोहतक जिले के लाढोत गांव के जोगेंद्र से हो चुकी है और उसके 2 बच्चे भी हैं, लेकिन 10 साल बाद वह अपने मायके जाएगी। अपने बीते दिनों को याद कर मंजू व उसका परिवार फूट-फूटकर रो पड़ता है। लेकिन उन्हें यह खुशी है कि आज एक बार वे फिर मिल गए।
जानकारी के अनुसार पीड़िता मंजू उत्तर प्रदेश की रहने वाली है, जो 10 साल पहले खेतों में भेड़ चराने गई थी। भेड़ों ने किसी के खेत में घुसकर नुक्सान कर दिया। शिकायत मिलने पर मां ने जमकर पीटा तो मंजू घर छोड़कर निकल गई और दिल्ली जाने वाली ट्रेन में जा बैठी। इस दौरान मंजू रोहतक पहुंच गई, जहां उसकी जिंदगी के दस साल बीत गए। उसकी शादी लाढोत गांव के रहने वाले जोगेंद्र से कर दी गई। मंजू व जोगेंद्र के एक लड़का व लड़की भी हैं।
लेकिन अगर देव कौशिक रक्षा बंधन से पहले मंजू से यह नहीं पुछता कि भाभी मायके नहीं जा रही तो शायद मंजू को अपने माता-पिता और परिवार ना मिल पाते। मंजू को केवल अपने गांव का नाम याद था। देव ने गांव के नाम को इंटरनेट पर सर्च कर गांव के सरपंच का नंबर ले लिया और उसके बाद मंजू के पिता राजमन और मां किशन कुमारी की विडियो काॅलिंग से बात करवाई तो मंजू ने अपने मां बाप को पहचान लिया और दोनों ओर से आंसू रूकने का नाम नहीं ले रहे थे। जिसके बाद मंजू के माता पिता रोहतक पहुंचे और अपनी बेटी से मुलाकात की। जैसे ही आमने सामने हुए तो एक दूसरे के गले लग गए। अपने मां बाप को दोबारा मिलाने के लिए मंजू देवा का धन्यवाद देते हुए नहीं थक रही है।
पिता राजमन और मां किशन कुमारी बेटी से मिलकर काफी खुश हैं। जब बच्ची गुम हुई तो उन्होंने बहुत तलाशने की कोशिश की, लेकिन मायुसी ही हाथ लगी। आज वे अपनी बेटी से मिलकर काफी खुश हैं। उन्हें भरा पूरा परिवार मिला है। वे सभी को घर लेकर जाएंगी और दुल्हन की तरह से सजा कर उसके ससुराल भेजेंगे। वहीं पति जोगेंद्र का कहना है कि अगर मोबाइल व इंटरनेट नहीं होता तो शायद यह संभव नहीं होता। वे भी बहुत खुश हैं कि उनकी पत्नी को मायके वाले मिल गए।