गेहूं अवशेष जलाने पर एक्शन शुरू, 35 पर केस, ठोका 27 हजार का जुर्माना

Edited By Shivam, Updated: 28 Apr, 2018 08:35 PM

action on burning of wheat residue 35 cases and 27 thousand rupees

हरियाणा का पर्यावरण मंत्रालय इस बार सख्ती के मूड में है। खेतों में गेहूं के अवशेष जलाने से रोकने के लिए शुरूआती दौर में ही एक्शन शुरू कर दिया है। अभी तक प्रदेशभर में ऐसे 35 मामलों को पकड़ा जा चुका है और अवशेष जलाने वाले किसानों पर 27 हजार 500 रुपए...

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा का पर्यावरण मंत्रालय इस बार सख्ती के मूड में है। खेतों में गेहूं के अवशेष जलाने से रोकने के लिए शुरूआती दौर में ही एक्शन शुरू कर दिया है। अभी तक प्रदेशभर में ऐसे 35 मामलों को पकड़ा जा चुका है और अवशेष जलाने वाले किसानों पर 27 हजार 500 रुपए का जुर्माना ठोका गया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा कार्रवाई की जा रही है।

राज्य के पर्यावरण मंत्री विपुल गोयल ने इस संदर्भ में विभाग के आला अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए प्रदूषण नियंत्रित रखने को कहा है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार गेहूं के अवशेष जलाने के मामले कम ही सामने आए हैं।

अभी तक विभाग द्वारा जींद में कुल 9, सोनीपत में 13, पलवल में 11 और पानीपत तथा गुरुग्राम में 1-1 मामला पकड़ा गया है। आमतौर पर मई महीने में गेहूं के अवशेष जलाए जाने की घटनाएं सामने आती हैं। इसी के दृष्टिगत विभाग ने पहले ही किसानों पर सख्ती शुरू कर दी है। साथ ही, किसानों को गेहूं के अवशेष जलाने की वजह से होने वाले वायु प्रदूषण बारे जागरूक किया जा रहा है ताकि वे इससे बचें।

पर्यावरण मंत्री विपुल गोयल ने किसानों से अपील की है कि वे गेहूं के अवशेषों को न जलाएं। उन्होंने कहा कि इसी तरह से धान के अवशेष जलाने के मामले इस बार पिछले वर्ष की तुलना में कम हुए हैं। किसानों में जागरूकता बढऩे से इस मामले में कमी दर्ज की गई है। ऐसे ही गेहूं के अवशेष जलाने से भी किसानों को रोका जा रहा है। गोयल ने कहा, प्रदूषण को प्रदूषित होने से बचाने में किसानों की अहम भूमिका है।

पिछले वर्ष थे 1147 केस
गेहूं के अवशेष जलाने के 1147 मामले पिछले वर्ष सामने आए थे। गेहूं के अवशेष जलाने में हिसार (201), जींद (117), करनाल (251), सिरसा (174) तथा सोनीपत (193) सबसे आगे थे। इन आंकड़ों के हिसाब से इस वर्ष हिसार, करनाल और सिरसा में अभी तक एक भी मामला सामने नहीं आया है।

एक्शन का परिणाम
पर्यावरण विभाग द्वारा धान के अवशेष जलाने के मामलों में की गई सख्त कार्रवाई के परिणाम भी अब सामने आने लगे हैं। सख्ती की वजह से ही गेहूं के अवशेष जलाने के मामले लगातार कम हो रहे हैं। पिछले वर्ष 31 दिसंबर तक पराली जलाने के मामले में राज्यभर में कुल 3319 किसानों पर कार्रवाई की गई। इनमें से 236 किसानों पर पुलिस केस दर्ज किए गए और 1422 किसानों से 38 लाख 12 हजार 500 रुपए का जुर्माना भी वसूला गया।

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