नहीं थमे हरियाणा में एसिड अटैक के केस, मौजूदा वर्ष में 4 मामले आए सामने

Edited By Isha, Updated: 13 Dec, 2019 11:18 AM

acid attack cases not stopped in haryana 4 cases in current year

सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद हरियाणा में एसिड की बिक्री पर रोक नहीं लगी है। गली-गली की दुकानों पर एसिड धड़ल्ले से बिक रहा है और इनका प्रयोग आज भी प्रदेश में महिलाओं पर अटैक करने के तौर

चंडीगढ़ (अर्चना सेठी) : सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद हरियाणा में एसिड की बिक्री पर रोक नहीं लगी है। गली-गली की दुकानों पर एसिड धड़ल्ले से बिक रहा है और इनका प्रयोग आज भी प्रदेश में महिलाओं पर अटैक करने के तौर पर हो रहा है।

हरियाणा स्टेट क्राइम रिकार्ड के आंकड़े कहते हैं कि मौजूदा वर्ष में भी 4 एसिड अटैक के मामले दर्ज किए गए हैं। जनवरी में घटित एक हादसे के 3 आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है जबकि बाकी के 3 मामलों में एसिड फैंकने वाले खुलेआम घूम रहे हैं। इधर नैशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़े कहते हैं कि वर्ष 2017 में 4 महिलाओं पर एसिड अटैक हुआ। पंजाब में एसिड अटैक के मामले भी 4 ही थे। हिमाचल प्रदेश में एसिड अटैक के 2 मामले सामने आए। दिल्ली में एसिड अटैक के 8 मामले रजिस्टर हो चुके हैं।

एसिड अटैक प्रताडि़त लक्ष्मी अग्रवाल के अभियान स्टोप सेल एसिड के सदस्य अमर राय की मानें तो देश में एसिड अटैक प्रताडि़त महिलाओं की तादाद 600 से 700 के बीच हो चुकी है। बहुत सी महिलाएं तो अटैक को रजिस्टर ही नहीं करवाना चाहतीं। आज भी एसिड की बिक्री खुलेआम हो रही है जबकि वर्ष 2013 में उच्चतम न्यायालय एसिड की सेल पर प्रतिबंध लगा चुका है।

16 पीड़ित महिलाओं को मिल चुकी है 45.4 लाख रुपए की आॢथक मदद
हरियाणा महिला एवं बाल विकास विभाग ने वर्ष 2011 से एसिड अटैक प्रताडि़त महिलाओं एवं बच्चों के लिए रिलीफ एंड रिहैबिलिटेशन ऑफ अटैक विक्टिम हरियाणा की शुरुआत की थी। उसके बाद 16 महिलाएं और एक बच्चा अटैक के बाद इलाज में आॢथक सहायता पाने के लिए विभाग पहुंचे। विभाग के आंकड़ों अनुसार 9 वर्षों में एसिड अटैक के बाद सहायता पाने के लिए आने वाली 16 महिलाओं में से 2 महिलाएं अंबाला,2 हिसार, 4 फरीदाबाद, 2 रोहतक,1 पानीपत,1 यमुनानगर,1 गुरुग्राम,1 करनाल,1 भिवानी,1 कैथल से थीं। एसिड अटैक के बाद विभाग को संपर्क करने वाली महिला को तुरंत इलाज हेतु एक लाख रुपए दिए जाते हैं,उसके बाद महिला की प्लास्टिक सर्जरी व अन्य उपचार हेतु जितनी भी वित्तीय सहायता की जरूरत होती है विभाग मुहैया करवाता है। 

विभाग ने 9 वर्षों में एसिड अटैक प्रताडि़त महिलाओं के इलाज पर 45.4 लाख रुपए खर्च किए हैं जिसमें 2014-15 में 7.82 लाख, 2015-16 में 7.53 लाख,2016-17 में 5.85 लाख,2017-18 में 19 लाख तथा 2018-19 में 5.20 लाख रुपए इलाज के लिए खर्च किए गए। सिर्फ इतना ही नहीं प्रदेश  सरकार द्बारा एसिड अटैक प्रताडि़त महिलाओं को (विकलांगता दर को ध्यान में रखते हुए) 5 हजार से लेकर 9 हजार रुपए की मासिक पैंशन भी दी जा रही है।

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