मंडियों का दौरा कर अभय ने मुख्यमंत्री को सौंपा पत्र

Edited By Isha, Updated: 19 Nov, 2019 10:47 AM

abhay handed over the letter to the chief minister after visiting the mandis

गत दिनों विधानसभा सत्र दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इनैलो नेता अभय चौटाला और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को लेकर धान घोटाले की जांच-पड़ताल के लिए 2 सदस्यीय कमेटी बनाने की बात कही

चंडीगढ़ (बंसल): गत दिनों विधानसभा सत्र दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इनैलो नेता अभय चौटाला और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को लेकर धान घोटाले की जांच-पड़ताल के लिए 2 सदस्यीय कमेटी बनाने की बात कही थी। इसके मद्देनजर इनैलो नेता तुरंत प्रभाव से एक्शन में आए और जिला अम्बाला की मंडियों में दौरा किया। किसानों की परेशानियों से रू-ब-रू हुए और जिला प्रधानों की ड्यूटी लगाई। इनैलो नेता ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को एक पत्र दिया,जिसमें लिखा है कि सरकारी खरीद एजैंसियों द्वारा नमी के नाम पर कटौती कर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य अनुसार राशि की अदायगी नहीं की जाती। 

आढ़ती द्वारा दिए जाते जे-फार्म में से कुछ राशि दिखा काट ली जाती है और धान का पूरा मूल्य नहीं मिल पाता। इस संबंध में विधानसभा सत्र दौरान मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि कोई दिक्कत होगी तो जांच करवाएंगे और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा व उन्हें शामिल कर जांच बारे कमेटी बनाने की घोषणा की थी। यह भी कहा था कि दोनों सदस्य स्वयं मंडियों में जाकर चैक करें और इसके बारे सबूत लाकर दें।  इनैलो नेता ने बताया कि विधानसभा की बैठक समाप्त होने के बाद उन्होंने स्वयं 6 नवम्बर को अम्बाला शहर और करनाल की मंडी में धान खरीद बारे जायजा लिया।


किसानों ने सरकार पर आरोप लगाया कि 21 अक्तूबर से खरीद बंद कर रखी है और जो खरीद हुई,उसमें नमी के नाम पर अनुचित कटौती की जा रही है। उन्होंने बताया कि सबूत के तौर पर किसानों को दिए जे-फार्मों की प्रतियां पत्र के साथ संलग्न कर दी हैं। इसमें एक में से 19,020 रुपए और दूसरे में से 28,545 रुपए नमी की आड़ में काट कर जे-फार्म में पूरा न्यूनतम समर्थन मूल्य दिखाया गया है। इस तरह यह कटौती अपने आप में बहुत बड़ा घोटाला है और दंडनीय अपराध भी है जिसकी जांच अति आवश्यक है।  

इनैलो नेता ने पत्र में लिखा है कि सरकारी एजैंसियों द्वारा खरीद धान की निष्पक्ष एजैंसी से जांच करवाई जानी चाहिए ताकि नमी के नाम या अन्य वजह से काटी राशि का पता लग सके। यह पता लगाना जरूरी है कि काटी गई राशि सरकारी, खरीद एजैंसी या फिर अन्य बिचौलिए के खाते में जमा हुई है। नकदी के नाम पर जे-फार्म में काटी राशि कोष/फंड में जमा करवाई गई है उसकी विस्तृत जांच आवश्यक है। इनैलो नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने विधानसभा सत्र दौरान जांच की बात कही थी, उसे तुरंत प्रभाव से अमल में लाया जाए।

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