अभय चौटाला का दावा- 26 जनवरी के बाद लगेगी इस्तीफों की लाइन फिर गिर जाएगी सरकार

Edited By Shivam, Updated: 14 Jan, 2021 07:51 PM

abhay claims after january 26 the line of resignations will fall again

इंडियन नेशनल लोकदल के एकमात्र विधायक अभय चौटाला ने आज चंडीगढ़ में प्रेसवार्ता की। इस दौरान उन्होंने भाजपा सरकार के 100 फीसदी गिर जाने का दावा किया और भूपेन्द्र सिंह हुड्डा पर भी पलटवार किया। अभय ने अपने इस्तीफे को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद...

चंडीगढ़ (धरणी): इंडियन नेशनल लोकदल के एकमात्र विधायक अभय चौटाला ने आज चंडीगढ़ में प्रेसवार्ता की। इस दौरान उन्होंने भाजपा सरकार के 100 फीसदी गिर जाने का दावा किया और भूपेन्द्र सिंह हुड्डा पर भी पलटवार किया। अभय ने अपने इस्तीफे को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को भी आड़े हाथों लिया। इसी दौरान अभय चौटाला ने शुक्रवार को होने वाली ट्रैक्टर रैली के रूट की भी जानकारी दी।

अभय चौटाला ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि मेरे दादा चौधरी देवी लाल ने प्रधानमंत्री का पद ठुकराया था, उन्होंने इंडियन नेशनल लोकदल की स्थापना की थी। अब वे उन्हीं के नक्शेकदम पर चलते हुए विधायक पद से इस्तीफा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस्तीफे पर नुक्ताचीनी करना आसान होता है, लेकिन इस्तीफा देना मुश्किल काम है। अभय ने कहा कि विधायक पद  उनके लिए मायने नहीं रखता। दिल्ली बॉर्डर पर बैठे लाखों किसान की हालत देखते उनका हौसला बढ़ाने के लिए इस्तीफा दिया है।



अभय ने कहा कि मेरे इस्तीफे में कोई कंडीशन नहीं है, इनेलो की लड़ाई कृषि कानूनों के खत्म होने तक जारी रहेगी। अभय ने इस्तीफा पढ़ते हुए कहा कि उनका इस्तीफा स्वीकार करने की बजाए नाटक किया जा रहा है क्योंकि स्पीकर को पता है कि उनके इस्तीफे के बाद भाजपा सत्ता में नहीं रह सकती। उन्होंने कहा कि बहुत विधायकों को एमएलए सीट छोडऩी पड़ेगी यदि उन्होंने सीट नहीं छोड़ी तो उनका राजनीतिक भविष्य खत्म हो जाएगा। अभय ने दावा करते हुए कहा कि 26 जनवरी के बाद इस्तीफों की लाइन लगेगी और सरकार सौ फीसदी गिर जाएगी।

अभय ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष कहते हैं कि इस्तीफे पर स्वेच्छा से दिया गया इस्तीफा लिखें, लेकिन वे कृषि कानूनों द्वारा किसानों पर हो रहे अन्याय के कारण त्याग पत्र दे रहे हैं। अभय ने स्पष्ट करते हुए कहा कि अगर मैंने स्वेच्छा से त्यागपत्र दिया तो उसका कोई मतलब नहीं रहेगा। स्वेच्छा से इस्तीफा वो देता है जो शारीरिक रूप से अपनी जिम्मेदारी को निभा न सके या जो राजनीति से अपने आप को अलग कर ले। अभय ने कहा कि 27 जनवरी को ट्रैक्टर लेकर सदन जाऊंगा और बाकायदा इस्तीफा दूंगा।

वहीं हुड्डा के बयान 'अभय के इस्तीफे से भाजपा को ताकत मिलेगी' पर पलटवार करते हुए कहा कि हुड्डा जब सत्ता में थे तो प्रदेश के लोगों के हितों के लिए उनसे लड़ा। भाजपा शासन में लोगों के कुठाराघात पर अकेला मैं लड़ रहा हूं, हुड्डा को तो फाइल की एक कोर दिखा देते हैं, जिसे देखकर हुड्डा का थूक सूख जाता है और ये विधानसभा में बोलना भूल जाते हैं। 

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