Edited By Shivam, Updated: 09 Nov, 2018 06:55 PM
इनेलो पार्टी से नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला के हाथों उनकी मुख्य विपक्ष की कुर्सी छूटती दिख रही है। अभय चौटाला के हाथों नेता प्रतिपक्ष कुर्सी छूटने का कारण इनेलो में हुई दो फाड़ हो सकती है, जिसका सीधा फायदा कांग्रेस को होने वाला है। आज सिरसा में अभय...
सिरसा(सतनाम सिंह): इनेलो पार्टी से नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला के हाथों उनकी मुख्य विपक्ष की कुर्सी छूटती दिख रही है। अभय चौटाला के हाथों नेता प्रतिपक्ष कुर्सी छूटने का कारण इनेलो में हुई दो फाड़ हो सकती है, जिसका सीधा फायदा कांग्रेस को होने वाला है। आज सिरसा में अभय चौटाला ने इनेलो की कार्यकारिणी की आपात बैठक बुलाई जिसमें पार्टी के विधायकों और सांसदों को आमंत्रित किया गया, लेकिन पारिवारिक कलह के चलते पांच विधायक इस बैठक में उपस्थित न हो सके। ये वहीं विधायक जो दुष्यंत और अजय का समर्थन करते हैं।
अब इन विधायकों की बैठक में गैरमौजूदगी के बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं इन विधायकों ने इनेलो का दामन छोड़कर अजय का दामन थाम लिया तो, इनेलो के हाथ से हरियाणा की सियासत में मुख्य विपक्ष होने का अधिकार समाप्त हो जाएगा। क्योंकि विधान सभा में 19 विधायक इनेलो के हैं, जबकि कांग्रेस के 15 विधायक ही हैं, लेकिन इनेलो से पांच विधायकों के जाने से सबसे मजबूत विपक्ष कांग्रेस होगी।
बता दें कि इनेलो की कार्यकारिणी की बैठक में पांच विधायक अनूप धानक, नैना चौटाला, राजदीप फौगाट दादरी, नागेंद्र भड़ाना व पृथ्वी सिंह नरवाना गैर हाजिर रहे। वहीं विधायक अभय चौटाला, वेद नारंग, ओमप्रकाश बड़वा लोहारू, परमिंदर सिंह ढुल जुलाना, केहर सिंह रावत हथीन, जाकिर हुसैन नूंह, नसीम अहमद, मक्खन सिंगला, रविंदर बलियाला, रामचन्द्र कंबोज, रणवीर गंगवा, बलवान सिंह दौलतपुरिया, जसविंदर संधू विधायक के बीमार होने के चलते उनका बेटा पहुंचा।
वहीं मीटिंग के बाद अभय चौटाला ने कहा कि शार्ट नोटिस पर इस मीटिंग को बुलाया गया था जिसमें 90 प्रतिशत लोग शामिल हुए। उन्होंने कहा कि अजय चौटाला मेरे बड़े भाई है जब दुबारा बुलाएंगे मैं तुरंत उनके पास पहुँच जाऊंगा। अशोक अरोड़ा ने कहा इस बैठक में निर्णय लिया गया है कि 1 दिसंबर से एसवाईएल के मुद्दे पर कुरुक्षेत्र से बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा और पूरे प्रदेश में चलेगा।