Edited By Punjab Kesari, Updated: 09 Feb, 2018 07:20 PM
गुरुग्राम के नागरिक अस्पताल में हरियाणा सरकार की बेटी बचाअो बेटी पढ़ाअो अभियान की धज्जियां उड़ाई गई। गुरुग्राम के नागरिक अस्पताल में डिलीवरी के लिए आई महिला को दाखिल नहीं किया गया क्योंकि महिला के पास आधार कार्ड नहीं था। जिसके बाद महिला ने अस्पताल...
गुरुग्राम(सतीश राघव): गुरुग्राम के नागरिक अस्पताल में हरियाणा सरकार की बेटी बचाअो बेटी पढ़ाअो अभियान की धज्जियां उड़ाई गई। गुरुग्राम के नागरिक अस्पताल में डिलीवरी के लिए आई महिला को दाखिल नहीं किया गया क्योंकि महिला के पास आधार कार्ड नहीं था। जिसके बाद महिला ने अस्पताल के गेट के बाहर ही बेटी को जन्म दिया।
जानकारी के अनुसार सुबह करीब 8 बजे मुन्नी अपने पति के साथ अस्पताल पहुंची लेकिन डॉक्टर गर्भवती महिला के इलाज के लिए आधार कार्ड मांगने लगे। महिला के पास आधार कार्ड नहीं था। महिला के पति ने आधार कार्ड का नंबर दिया लेकिन फिर भी डॉक्टर नहीं माने। डॉक्टरों ने महिला को अस्पताल में एडमिड नहीं किया अौर उसे बाहर निकाल दिया। जिसके बाद मुन्नी ने अस्पताल के गेट बाहर ही बच्ची को जन्म दिया। आसपास खड़ी कुछ महिलाओं ने गर्भवती महिला की मदद की लेकिन कोई डॉक्टर बाहर नहीं आया। महिला अपने पति और नवजात शिशु के साथ धरती पर लेटकर रोती रही। मीडिया की टीम जब अस्पताल में पहुंची उसके बाद डॉक्टरों ने महिला को एडमिड किया।
वहीं, इस मामले में अस्पताल के PMO (प्रिंसिपल मेडिकल आफिसर) का कहना है कि उनकी तरफ से कोई लापरवाही नहीं हुई है बल्कि उन्होंने पीड़िता को अल्ट्रासाउंड के लिए भेजा था। वहीं बताया जा रहा है कि अस्पताल प्रबंधन ने इस मामले में एक डॉक्टर और एक नर्स को सस्पेंड कर दिया है। डॉक्टरों की इस तरह की हरकत के कारण परिजनों में रोष है।