कांग्रेस में शामिल हुए 8 पूर्व विधायक, बीजेपी और आप से भी आए कई नेता

Edited By Vivek Rai, Updated: 23 May, 2022 07:47 PM

8 former mlas joined congress many leaders from bjp and aap also

हरियाणा के 8 पूर्व विधायकों ने आज कांग्रेस का दामन थामा। चंडीगढ़ स्थित कांग्रेस ऑफिस में अध्यक्ष उदय भान, भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता में कई पूर्व विधायकों ने कांग्रेस में वापसी की है। कांग्रेस में शामिल हुए नेताओं में अधिकतर पार्टी से ही...

चंडीगढ़: हरियाणा के 8 पूर्व विधायकों ने आज कांग्रेस का दामन थामा। चंडीगढ़ स्थित कांग्रेस ऑफिस में अध्यक्ष उदय भान, भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता में कई पूर्व विधायकों ने कांग्रेस में वापसी की है। कांग्रेस में शामिल हुए नेताओं में अधिकतर पार्टी से ही निष्कासित किए गए थे या खुद ही पार्टी छोड़कर गए थे।

बीजेपी और आप में गए नेताओं ने भी की घर वापसी

कांग्रेस में शामिल होने वालों में अधिकतर नेता ऐसे हैं जो पाटीं छोड़कर चले गए थे। इनमें सबसे महत्वपूर्ण दो बार विधायक रहे परविंदर सिंह ढुल्ल का नाम भी शामिल हैं। परविंदर सिंह ने 2009 और 2014 में इनेलो की टिकट पर जींद जिले की जुलाना सीट से चुनाव लड़ा और विधायक बने । 2019 में उन्होंने भाजपा ज्वाइन करके चुनाव लड़ा और दूसरे नंबर पर रहे। ढुल्ल के पिता भी 7 बार विधायक बने थे। कांग्रेस के पूर्व नेता राजकुमार भी पार्टी का साथ छोड़कर आम आदमी पार्टी में चले गए थे। आप में रहते हुए राजकुमार अंबाला से प्रभारी भी बने। खास बात यह है कि दीपेंद्र हुड्डा की मौजूदगी में कांग्रेस में घर वापसी करना वाले राजकुमार आप में जाने के बाद दीपेंद्र के खिलाफ चुनाव भी लड़ चुके हैं। हरियाणा कांग्रेस के उपाध्यक्ष रहे राजकुमार ने भी आज कांग्रेस में वापसी की।

कई विधायकों ने टिकट ना मिलने पर पार्टी छोड लड़ा था निर्दलीय चुनाव

 कांग्रेस में वापसी करने वालों में फरीदाबाद जिले की बल्लभगढ़ सीट से 2005 और 2009 में चुनाव जीतने वाली शारदा राठौर का नाम भी शामिल है। उन्होंने 2019 में कांग्रेस पार्टी को छोड़कर भाजपा का दामन थामा था। बरवाला विधानसभा से पूर्व विधायक रामनिवास घोड़ेला ने भी 2019 में टिकट ना मिलने पर पार्टी का साथ छोडकर निर्दलीय चुनाव लड़ा था, लेकिन जीत नहीं पाए थे। रामनिवास पिछड़े वर्ग के एक बड़े नेता हैं।

घर वापसा करने वालों में एक नाम राकेश कंबोज का भी है, जिन्होंने 2005 में करनाल जिले की इंद्री सीट से चुनाव लड़ा और कांग्रेस के विधायक बने। 2009 और 2014 में उन्होंने हजकां के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा। 2019 में कांग्रेस की टिकट ना मिलने के कारण उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और दूसरे स्थान पर रहे। हिसार जिले की उकलाना विधानसभा से 2009 में विधायक चुने गए नरेश सेलवाल ने भी 2019 में टिकट ना मिलने के कारण निर्दलीय चुनाव लड़ा था।

पूर्व मंत्री और मजबूत चेहरे शामिल होने से बढ़ेगी कांग्रेस की ताकत

करनाल जिले की असंध सीट से विधायक रहे है, जिले राम शर्मा ने भी 2019 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ते हुए 25000 वोट हासिल किए थे। जिले राम शर्मा असंध सीट पर ब्राह्मण समाज पर में मजबूत पकड़ रखते हैं। माना जा रहा है कि इनके आने से आसपास के और सीटों पर भी पार्टी को मजबूती मिलेगी।

पूर्व मंत्री सुभाष चौधरी 1996 से 2000 तक मंत्री रहे थे। जबकि 2005 से 2009 तक विधायक भी रहे। वह हरियाणा कांग्रेस सेवा दल के चेयरमैन पर भी रहे हैं। उन्होंने भी आज पार्टी ज्वाइन की।

कांग्रेस में पूर्व विधायकों की घर वापसी पर तंवर का तंज

पूर्व विधायकों की कांग्रेस वापसी को लेकर तंज कसते हुए अशोक तंवर ने कांग्रेस को सर्कस कह डाला। आप में शामिल होने वाले कांग्रेस के पूर्व प्रदेशअध्यक्ष तंवर ने कहा कि जो पूर्व विधायक आज कांग्रेस में शामिल हुए हैं, वें असल में पहले से ही कांग्रेस पार्टी में थे। मिलीभगत के चलते उन्हें आजाद उम्मीदवार के तौर पर खड़ा किया गया था। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भाजपा के साथ सांठगांठ कर हरियाणा में निष्ठावान कांग्रेसियों की टिकट कटवाई थी।

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