Edited By Shivam, Updated: 02 Jun, 2018 04:12 PM
देर सांय आई बरसात व तेज अंधड़ ने लोगो को गर्मी से कुछ राहत दी, वहीं बागवानों को तेज अंधड़ से काफी नुक्सान झेलना पड़ा है। बागवानों की माने तो इस सीजन में उनपर यह दूसरी बार प्राकृतिक की मार पड़ी है। इससे पहले भी पिछले माह आए तेज अंधड़ से हुए नुक्सान...
रादौर(कुलदीप सैनी): देर सांय आई बरसात व तेज अंधड़ ने लोगो को गर्मी से कुछ राहत दी, वहीं बागवानों को तेज अंधड़ से काफी नुक्सान झेलना पड़ा है। बागवानों की माने तो इस सीजन में उनपर यह दूसरी बार प्राकृतिक की मार पड़ी है। इससे पहले भी पिछले माह आए तेज अंधड़ से हुए नुक्सान से वे अभी उभरे भी नहीं थे, कि देर सांय आए अंधड़ से पेड़ों पर लगे करीब 50 प्रतिशत फल झड़ गए। उन्होंने कहा कि अब इन फलों का बाजार में भी कोई खरीददार नहीं मिलेगा।
फल उत्पादकों का कहना है कि इस वर्ष फलों का व्यापार उनके लिए घाटे का सौदा बन सकता है। वहीं दूसरी ओर मौसम की यह मार बाजार में फलों की कीमतों को गत वर्ष के मुकाबले दोगुना कर सकती है। जिससे फलों के शौकीनों का अपने स्वाद पर कुछ हद तक काबू में रखने पर मजबूर होना पड़ेगा।
रादौर में एक बागवान राजकुमार यादव ने बताया की तेज अंधड़ के आने से आम का फल समय से पहले ही टूट कर नीचे गिर कर खराब हो गया है , जो बाजार में बिकने लायक भी नहीं है। प्रभावित बागवान राजकुमार ने सरकार से मांग करते हुए कहा की जैसे सरकार अन्य किसानों की प्राकृतिक आपदा से खराब हुई फसलों का मुआवजा देने का प्रावधान रखा है, उसी तर्ज पर बागवानों के नुक्सान की भरपाई के लिए मदद करनी चाहिए।