इलाज में लापरवाही बरतने वाले 3 डाक्टरों पर गिरी गाज, खाएंगे जेल की हवा

Edited By Deepak Paul, Updated: 01 Feb, 2019 01:21 PM

3 doctors who were careless in treatment

शहर के प्रसिद्ध जीवन ज्योति अस्पताल में तैनात रहे 3 डाक्टरों को एक बच्चे के इलाज में लापरवाही बरतने पर जज विवेक कुमार की अदालत ने 3-3 साल की सजा सुनाई है।

बहादुरगढ़(प्रवीण धनखड़): शहर के प्रसिद्ध जीवन ज्योति अस्पताल में तैनात रहे 3 डाक्टरों को एक बच्चे के इलाज में लापरवाही बरतने पर जज विवेक कुमार की अदालत ने 3-3 साल की सजा सुनाई है। 3 डाक्टरों में डा. मनीष पाल, दीपक शर्मा व रितेश कुमार है। वीरवार दोपहर अदालत में तीनों डाक्टरों को सजा सुनाए जाने के बाद बच्चे राहुल की मां शीला देवी ने कहा कि मेरे बेटे की मौत के लिए डाक्टरों व अस्पताल की लापरवाही ही जिम्मेदार थी, पर 9 सालों तक न्याय के लिए दर-दर की ठोकरे खाने के बाद यह सजा कम है। उन्हें और अधिक सजा होनी चाहिए थी।
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शीला देवी की वकील सोमवती कादियान ने इस सजा की पुष्टि करते हुए कहा कि गरीब मां को आज न्याय मिला है, जिसके लिए वह संघर्ष कर रही थी। सोमवती कादियान ने कहा कि 21 जनवरी 2011 को सैनिक स्कूल में 9वीं कक्षा का छात्र राहुल रेल की पटरी के निकट जा रहा था कि तेज रफ्तार से निकल रही रेलगाड़ी के कारण वह गिर गया जिससे उसके सिर पर पत्थर से चोट लग गई।
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उसे गंभीर हालत में शहर के जीवन ज्योति अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां उस समय 25 हजार रुपए जमा करवाने के बाद भी डाक्टरों ने कोई इलाज नहीं किया, जिस इलाज का राहुल हकदार था और उसकी मौत हो गई। 


दीपक खट्टर, प्रबंध निदेशक, जे.जे. इंस्टीच्यूट आफ मैडीकल साइंसेस।
यह मामला 2011 का है और इस मामले में लापरवाही बरतने पर अस्पताल प्रबंधन पहले ही आरोपी चिकित्सकों पर कार्रवाई करके 6 वर्ष पूर्व ही उन्हें अस्पताल से निकाल चुका है। इस केस में अस्पताल प्रबंधन पार्टी नहीं रहा है बल्कि लापरवाही करने वाले चिकित्सक पार्टी हैं।

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