Edited By Shivam, Updated: 18 Apr, 2020 02:22 PM
कोरोना वायरस की लड़ाई में दिन-रात अस्पतालों में सेवाएं दे रहीं हरियाणा की नर्सों ने दोगुनी सैलरी लेने से मना कर दिया है। यह फैसला हरियाणा नर्सिंग वेलफेयर एसोसिएशन ने लिया है। कोरोनावायरस के चलते हरियाणा सरकार ने सभी डॉक्टर औरस्टाफ नर्स की सैलरी...
चंडीगढ़ (धरणी): कोरोना वायरस की लड़ाई में दिन-रात अस्पतालों में सेवाएं दे रहीं हरियाणा की नर्सों ने दोगुनी सैलरी लेने से मना कर दिया है। यह फैसला हरियाणा नर्सिंग वेलफेयर एसोसिएशन ने लिया है। कोरोनावायरस के चलते हरियाणा सरकार ने सभी डॉक्टर औरस्टाफ नर्स की सैलरी दोगुनी करने का ऐलान किया था। स्वास्थ्य विभाग की 2800 नर्सों ने सरकार से दोगुनी सैलरी लेने से मना कर दिया।
खास बात यह है कि नर्सिंग वेलफेयर एसोसिएशन हरियाणा ने इस लड़ाई में एक कदम आगे चलते हुए अपनी एक दिन की सैलरी भी कोरोना राहत कोष में दान देने का निर्णय लिया है। यानी सीधे तौर पर प्रदेश की नर्सें 75 लाख से अधिक सैलरी कोरोना राहत कोष में दान देंगी।
कोरोना की लड़ाई में नर्सों का सबसे अहम योगदान
एसोसिएशन की प्रदेशाध्यक्ष सुनीता देवी, महासचिव विनीता कुमारी, ज्वाइंट सेक्रेटरी सुदेश चौधरी औरउप प्रधान संतोष मलिक ने बताया कि नर्सिंग स्टाफ सरकार के दोगुनी सैलरी देने के निर्णय का स्वागत करती हैं। महामारी के इस दौर में सरकार वित्तीय संकट में है। कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए एसोसिएशन दोगुनी सैलरी लेने से इनकार करती हैं। मगर संकट की इस घड़ी में वह हर समय देश औरप्रदेश के साथ खड़ी हैं। एसोसिएशन का कहना है कि सरकार को इस पैसे से आईसीयू में सुविधाओं को बढ़ाना चाहिए।