Edited By Shivam, Updated: 01 Jun, 2020 01:49 PM
शिक्षा विभाग और प्रदेश सरकार की आंखों में फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी कर धूल झोंककर नौकरी करने वाले अध्यापक के रिटायर होने पर आखिरकार यह मामला 27 वर्ष बाद कानून की नजरों में आ ही गया। हसनपुर पुलिस ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विधालय खाम्बी के...
पलवल (दिनेश): शिक्षा विभाग और प्रदेश सरकार की आंखों में फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी कर धूल झोंककर नौकरी करने वाले अध्यापक के रिटायर होने पर आखिरकार यह मामला 27 वर्ष बाद कानून की नजरों में आ ही गया। हसनपुर पुलिस ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विधालय खाम्बी के प्रधानाचार्य की शिकायत पर सेवानिवृत्त पीटीआई के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरु कर दी गई है।
हसनपुर थाना प्रभारी आनंद कुमार ने बताया कि विद्यालय के प्रधानाचार्य ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि चन्द्रपाल पी.टी.आई. निवासी गांव तिगांव ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विधालय खाम्बी तत्कालीन जिला फरीदाबाद में वर्ष 22 मई 1993 में पी.टी.आई. के पद पर प्रथम नियुक्ती प्राप्त की थी।
निदेशक मौलिक शिक्षा एंव जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी पलवल व खण्ड शिक्षा अधिकारी, हसनपुर के प्रत्रांक के अनुसार उक्त पी.टी.आई. के विरुद्ध फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जालसाजी से सरकारी नौकरी प्राप्त करने बारे मुकदमा दर्ज कराने के आदेश प्राप्त हुए। पुलिस ने मामले में शिकायत के आधार पर सेवानिवृत पीटीआई के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरु कर दी है।
हैरानी की बात तो यह भी है कि आखिर सिस्टम में इतनी बड़ी चूक कैसे हुई कि एक अध्यापक 27 वर्ष तक शिक्षा विभाग और प्रदेश सरकार की आँखों में धूल झोंकने में कामयाब रहा। अब तक विभाग से मोटी रकम मेहनताने के नाम पर साथ ही कई सरकारी सुविधाओं के उपभोग के बाद आरोपी रिटायर अध्यापक पर आगे की कार्रवाई भी अगर इसी लचर और धीमी गति से होती है तो इस तरह के मामलों को लेकर देश के कानून पर भरोसा बनाये रखना आम आदमी के लिए काफी मुश्किल होगा।