अपहरण व दुष्कर्म के दोषी को 20 साल कैद की सजा

Edited By Isha, Updated: 17 Jul, 2022 10:04 AM

20 years in prison for kidnapping and rape

पानीपत की एक फास्टट्रैक कोर्ट ने नाबालिग लड़की को भगाकर दुष्कर्म करने के मामले में दोषी को 20 साल कैद की सजा सुनाई है। वहीं अन्य धाराओं में भी सजा सुनाई गई है। हालांकि 18 साल की उम्र पूरी होने के बाद लड़की आरोपी के माता-पिता के साथ रह रही है, लेकिन...

पानीपत: पानीपत की एक फास्टट्रैक कोर्ट ने नाबालिग लड़की को भगाकर दुष्कर्म करने के मामले में दोषी को 20 साल कैद की सजा सुनाई है। वहीं अन्य धाराओं में भी सजा सुनाई गई है। हालांकि 18 साल की उम्र पूरी होने के बाद लड़की आरोपी के माता-पिता के साथ रह रही है, लेकिन दोषी ने नाबालिग को बहला-फुसलाकर भगाने व दुष्कर्म करने का जुर्म किया था, जिसे उसने स्वयं कबूल भी कर लिया था। इस कारण दोषी को सजा सुनाई गई है।
 
उक्त मामला अदालत में चल रहा था, जहां ए.सी.जे. सुखप्रीत सिंह की फास्टट्रैक कोर्ट ने दोषी रविंद्र उर्फ भुंडू को भा.दं.सं. की धारा-376(2)एन में 20 साल कैद की सजा और 25000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न देने पर 1 साल अतिरिक्त कैद की सजा भुगतनी पड़ेगी। पोक्सो एक्ट धारा-6 के तहत 20 साल की सजा, इसके अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा-363 में 3 साल की सजा, धारा-366 में 5 साल की सजा सुनाई गई है। इस मामले में कुल कठोर कारावास 48 साल का है, लेकिन सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी राजेश चौधरी ने बताया कि जुलाई के 16 दिनों में यह पांचवीं सजा है। पानीपत की एक पोक्सो कोर्ट द्वारा जुलाई में अभी तक पांच सजाएं सनाई जा चुकी हैं।

 नाबालिग लड़की के पिता ने दर्ज करवाया था मुकद्दमा

डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी राजेश कुमार चौधरी ने बताया कि थाना इसराना में 19 मार्च, 2020 को एक 17 वर्षीय नाबालिग लड़की के पिता ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि वह क्षेत्र के गांव का रहने वाला है। उनकी बेटी 15 मार्च से गायब है, जिसकी तलाश की लेकिन कोई सुराग नहीं लगा। इस पर इसराना थाना अपहरण की धारा के तहत मामला दर्ज किया था। इसके बाद इसराना पुलिस ने 2 जुलाई को नाबालिग लड़की को इसराना के एक गांव से बरामद कर लिया था। पुलिस ने डॉक्टर से सरकारी अस्पताल में लड़की का मैडीकल करवाया, जहां लड़की 4 महीने की गर्भवती पाई गई। इसी कारण पहले दर्ज मुकद्दमे में भारतीय दंड संहिता की धारा-363 ,366 व पोक्सो एक्ट की धारा-6 भी जोड़ दी गई थी।

 भगाकर पंचकूला के मंदिर में की थी शादी

इस मामले में आरोपी सोनीपत के एक गांव के मूल वासी व इसराना में रह रहे रविंद्र को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद आरोपी रविंद्र ने अपना जुर्म भी कबूल कर लिया था तथा बयान देते हुए कहा था कि वह गांव इसराना में अपने मामा के पास करियाने की दुकान पर बैठता था। यहां से अक्सर उक्त लड़की अपने खेतों में आती-जाती रहती थी। इस कारण लड़की के साथ उसकी दोस्ती हो गई और वह 16 मार्च को लड़की को बहला-फुसलाकर भगा ले गया। बाद में दोनों ने पंचकूला के एक बड़े मंदिर में शादी कर ली थी। शादी के बाद वे गांव में वापस आ गए तथा अपना किराए पर कमरा लेकर रहने लगे, जहां उसने कई बार लड़की के साथ गलत काम किया जिससे लड़की गर्भवती हो गई। बाद में पुलिस ने लड़की को करनाल के नारी निकेतन में भेज दिया था, जहां लड़की ने एक लड़के को भी जन्म दिया था। 18 साल की उम्र पूरी होने पर करनाल के नारी निकेतन से लड़की को छोड़ दिया गया था। इसके बाद से लड़की आरोपी रविंद्र के परिजनों के पास ही रह रही है।

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