ऐलनाबाद उपचुनाव: अभय चौटाला की जीत में अहम रोल निभा गए पंजाबी बेल्ट के 18 गांव

Edited By vinod kumar, Updated: 03 Nov, 2021 06:07 PM

18 villages of punjabi belt played an important role in victory of abhay

ऐलनाबाद उपचुनाव में हार-जीत के बीच पंजाबी बेल्ट के 18 गांव सुर्खियों में हैं। सुर्खियों में इसलिए कि इन 18 गांवों से इनेलो को तीन हजार से ज्यादा वोटों की बढ़त मिली और यह बढ़त अभय चौटाला की जीत का बड़ा कारण बनी। दरअसल, अभय चौटाला ने जिस किसान आंदोलन...

डेस्क: ऐलनाबाद उपचुनाव में हार-जीत के बीच पंजाबी बेल्ट के 18 गांव सुर्खियों में हैं। सुर्खियों में इसलिए कि इन 18 गांवों से इनेलो को तीन हजार से ज्यादा वोटों की बढ़त मिली और यह बढ़त अभय चौटाला की जीत का बड़ा कारण बनी। दरअसल, अभय चौटाला ने जिस किसान आंदोलन के नाम इस्तीफा दिया था, उसका फायदा यह रहा कि पंजाबी बेल्ट के 18 गांव पूरी तरह से उनके समर्थन में आ गए। इन 18 गांवों में पहले कांग्रेस का बोल बाला था। हर बार कांग्रेस यहां से लीड करती थी, लेकिन इस बार इन गांवों ने कांग्रेस को पीछे रख तीन कृषि कानूनों के विरोध में विधानसभा से इस्तीफा देने वाले अभय चौटाला को तवज्जो दी। अभय चौटाला को 18 गांवों से सबसे ज्यादा वोट मिले। जिसके चलते वह लीड बनाने में कामयाब रहे।

इन 18 गांवों में अभय चौटाला को मिली लीड
अभय चौटाला को तलवाड़ा खुर्द, अमृतसर कलां, कुत्ताबढ़, मल्लेकां, माधोसिंघाना, कोटली, उमेदपुरा, मेहनाखेड़ा, कुमथला, मम्मडख़ेड़ा, बेहरवाला खुर्द, किशनपुरा, मिठनपुरा, कर्मशाना, ढाणी शेरां, खारी सुरेरां, मढाणी लखजी, मिठी सुरेरां गांव से लीड मिली। ये लीड अभय चौटाला को जीत दिला गई। 

पहले राउंड से ही लीड में रहे अभय चौटाला
बीते कल हुई मतगणना में अभय चौटाला पहले राउंड से ही लीड में रहे, हालांकि 8, 9 और 10वें राउंड में उनकी लीड कम हुई। इन तीनों राउंड में भजपा-जजपा के उम्मीदवार गोबिंद कांडा आगे रहे, लेकिन अभय चौटाला को पीछे नहीं छोड़ पाए। तीन राउंड में लीड कम होने के बाद 11वें राउंड में अभय चौटाला की लीड में फिर से इजाफा होना शुरु हो गया। यह लीड बढ़ती गई और फिर अभय चौटाला 6739 वोट से जीत गए।

अभय चौटाला को कुल 65992 वोट मिले, जबकि गोबिंद कांडा 59253 वोट हासिल कर दूसरे नंबर पर बने रहे। वहीं तीसरे नंबर आने वाले कांग्रेस प्रत्याशी पवन बेनीवाल को 20904 वोट मिले जो अपनी जमानत बचाने में भी सफल नहीं हो सके।   

ऐलनाबाद विधानसभा सीट चौटाला परिवार का गढ़
ऐलनाबाद विधानसभा सीट चौटाला परिवार का गढ़ रही है। इस सीट पर इनेलो का दबदबा 2000 के चुनावों से बन गया था। 2000 में पहली बार इनेलो की टिकट पर भागीराम ऐलनाबाद के विधायक बने थे। 2005 में सुशील कुमार इंडोरा विधायक बने। इसके बाद 2009 के चुनाव में इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला विधायक बने और 2010 में इस्तीफा दिया और उनके बेटे अभय सिंह चौटाला ने लगातार 2010, 2014 व 2019 में यहां से जीत हासिल की।

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