करोड़ों का घोटाला: जांच के घेरे में हरियाणा के 15 IAS, एसआईटी बनाने के आदेश

Edited By Shivam, Updated: 09 Dec, 2019 09:22 PM

15 ias sit orders to be made under investigation

गुडग़ांव-सोहना रोड स्थित मालिबू टाउन कॉलोनी में हजारों करोड़ रुपये का एक घोटाला हुआ है। बिल्डर ने अधिकारियों की मिलीभगत से इस घोटाले को अंजाम दिया है। अब लोकायुक्त ने हरियाणा सरकार को एक जज के नेतृत्व में एसआईटी बनाने के आदेश दिए हैं। यह एसआईटी साल...

चंडीगढ़ (धरणी): गुडग़ांव-सोहना रोड स्थित मालिबू टाउन कॉलोनी में हजारों करोड़ रुपये का एक घोटाला हुआ है। बिल्डर ने अधिकारियों की मिलीभगत से इस घोटाले को अंजाम दिया है। अब लोकायुक्त ने हरियाणा सरकार को एक जज के नेतृत्व में एसआईटी बनाने के आदेश दिए हैं। यह एसआईटी साल 1991 से लेकर अब तक टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट के डायरेक्टर रहे 15 आईएएस के अलावा चीफ टाउन प्लैनर, सीनियर टाउन प्लैनर और डिस्ट्रिक्ट टाउन प्लैनर की इस घोटाले में संलिप्तता की जांच करेगी।

क्या है यह पूरा मामला?
साल 2011 में मालिबू टाउन रेजिडेंट रमन शर्मा ने लोकायुक्त में एक याचिका दायर की थी। इसमें आरोप लगाया था कि बिल्डर और अधिकारियों की मिलीभगत से 204 एकड़ की इस कॉलोनी के रेजिडेंट्स बेहद परेशान हैं। शिकायत करने पर अधिकारियों की तरफ से बिल्डर के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जा रही हैं। लोकायुक्त का आदेश आने पर याचिकाकर्ता ने एक प्रेस कांफ्रेंस की। इसमें आरोप लगाया कि इस मिलीभगत से हरियाणा सरकार को हजारों करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान हुआ है।

करीब 204 एकड़ की इस कॉलोनी की अब तक इनवायरमेंट क्लीयरेंस नहीं ली गई है। ग्रीन बेल्ट में बीएसएनएल एक्सचेंज और सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बना हुआ है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि इस प्लॉटिड कॉलोनी में बिल्डर ने प्लॉट्स को फ्लोर वाइज बेच डाला। शिकायत पर पॉलिसी बनीं। इसके मुताबिक बिल्डर को 1000 रुपये प्रति वर्ग फुट फीस जमा करवानी थी, जो भी जमा नहीं हुई। किसी अधिकारी ने इस रिकवरी की तरफ ध्यान नहीं दिया।

आरोप के मुताबिक बिल्डर ने इस कॉलोनी में बिना पानी और सीवर कनेक्शन के साल 1999 में बायर्स को पजेशन देना शुरू कर दिया था। आरोप लगाया कि बिल्डर ने अधिकांश कम्यूनिटी बिल्डिंग्स को बेच डाला है। कम्यूनिटी सेंटर नहीं बने। नियमानुसार 45 प्रतिशत ओपन स्पेस नहीं है। जमीन की हेराफेरी भी हुई है। बिजली सब स्टेशन नहीं बना है। शर्मा ने इस मामले को जांच इंफोर्समेंट डायरेक्ट्रेट को सौंपने का आग्रह किया है।

कौन-कौन से हैं यह आईएएस
साल 1991 से लेकर अब तक टीसीपी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर 15 आईएएस रहे हैं। इनमें राजकुमार, मलिक सोनावने, भास्कर चटर्जी, आरएस गुजराल, एससी चौधरी, छतर सिंह, एसएस ढिल्लो, पी राघवेंद्र राव, अलोक निगम, एनसी वधवा, टीसी गुप्ता, अनुराग रस्तोगी, अरुण कुमार गुप्ता,और के.मकरंद. पांडूरंग इत्यादि शामिल हैं।

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