हरियाणा में 14,000 लोग ले रहे थे अवैध रूप से पैंशन का लाभ

Edited By Shivam, Updated: 10 Apr, 2019 11:11 AM

14000 people in haryana were taking advantage of illegal pension

वर्ष 2012 में भारत सरकार के कम्पट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (कैग) ने ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा किया था कि हरियाणा में करीब 14,000 लोग अवैध रूप से पैंशन व अन्य सरकारी वित्तीय लाभ ले रहे हैं जिससे सरकार को करोड़ों की चपत लग रही है। ऑडिट टीम ने 7112 गांवों में...

चंडीगढ़ (हांडा): वर्ष 2012 में भारत सरकार के कम्पट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (कैग) ने ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा किया था कि हरियाणा में करीब 14,000 लोग अवैध रूप से पैंशन व अन्य सरकारी वित्तीय लाभ ले रहे हैं जिससे सरकार को करोड़ों की चपत लग रही है। ऑडिट टीम ने 7112 गांवों में जांच की थी, जहां 13,477 लोग ऐसे पाए गए जो पैंशन या अन्य वित्तीय लाभ के योग्य नहीं हैं। सरकार ने भी ऑडिट रिपोर्ट के बाद पैंशन धारकों की जांच करवाई थी और 14,000 पैंशनर अयोग्य मिले थे। कार्रवाई नहीं होने पर मामला हाईकोर्ट पहुंचा था और कोर्ट के आदेशों पर सी.बी.आई. जांच हुई जिसके बाद शाहबाद और कुरुक्षेत्र में कुछ एफ.आई.आर. भी दर्ज हुई थी।

कुरुक्षेत्र व शाहबाद के बाद किसी अन्य जिले में एफ.आई.आर. दर्ज नहीं हुई जबकि 8 जिलों में फर्जी पैंशन धारक मिले थे। मंगलवार को याचिकाकत्र्ता के वकील प्रदीप रापडिय़ा ने कोर्ट को तमाम पहलुओं से अवगत करवाते हुए फर्जी पैंशन घोटाले की नए सिरे से जांच करवाने और कुरुक्षेत्र के बाद एफ.आई.आर. दर्ज होने का सिलसिला क्यों रुका सरकार से जवाब लिए जाने की मांग की। कोर्ट को बताया गया कि यह बड़ा घोटाला है जिसमें बड़े अफसर भी शामिल है जिसके बाद कोर्ट ने अंतरिम ऑर्डर जारी कर ज्वाइंट डायरैक्टर सोशल जस्टिस व इम्पावरमैंट को 3 सप्ताह में सरकार की ओर से एफिडैविट देकर जवाब दाखिल करने को कहा है। अगली सुनवाई 28 मई को होगी।

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