फर्जी डिग्री में फंसे मत्स्य विभाग के 14 अफसर

Edited By Rakhi Yadav, Updated: 25 Jul, 2018 12:32 PM

14 officers of fisheries department trapped in fake degree

हरियाणा मत्स्य विभाग के एक दर्जन से अधिक अफसरों के खिलाफ फर्जी डिग्री के मामले का भंडाफोड़ हुआ है। यह मामला लंबे समय से विजीलैंस के पास लंबित था। विजीलैंस ने अपनी जांच में इन अफसरों के....

चंडीगढ़(पांडेय): हरियाणा मत्स्य विभाग के एक दर्जन से अधिक अफसरों के खिलाफ फर्जी डिग्री के मामले का भंडाफोड़ हुआ है। यह मामला लंबे समय से विजीलैंस के पास लंबित था। विजीलैंस ने अपनी जांच में इन अफसरों के खिलाफ डीम्ड यूनिवर्सिटी के गैर मान्यता प्राप्त सैंटरों से एम.एस.सी. जूलोजी की डिग्री करने के मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 व 511 के तहत मुकद्दमा दर्ज करने की सिफारिश की है।

विजीलैंस ने यह भी सुझाव दिया है कि यदि विभाग के किसी अन्य अधिकारी-कर्मचारी द्वारा भी इस तरह की डिग्री प्राप्त करने की कोशिश की गई है या इस लाभ को देने में अन्य किसी अधिकारी/कर्मचारी की मिलीभगत पाई जाए तो उन्हें भी तफ्तीश में शामिल किया जा सकता है। करीब 2 महीने पहले विजीलैंस के महानिदेशक पी.आर. देव ने अपनी सिफारिश सरकार के पास भेज दी है। अब देखना यह होगा सरकार किस तरह से इन अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करती है।

विजीलैंस जांच में बताया गया है कि धर्मेंद्र सिंह तत्कालीन मत्स्य अधिकारी पलवल, जगदीश चंद्र तत्कालीन जिला मत्स्य अनुसंधान अधिकारी हिसार, संजय यादव उपनिदेशक और मत्स्य अधिकारी गुरुग्राम, राजेश बेनीवाल तत्कालीन मत्स्य अधिकारी फतेहाबाद, अमित सिंह तत्कालीन ब्लॉक मत्स्य अधिकारी सांपला रोहतक, बृजमोहन शर्मा तत्कालीन मत्स्य अधिकारी सिरसा, कुलदीप सिंह तत्कालीन व्यावसायिक मत्स्य लिपिक भिवानी, विजय कुमार शर्मा तत्कालीन उपनिदेशक मत्स्य मुख्यालय, राजेंद्र कुमार तत्कालीन मत्स्य हिसार सेवानिवृत्त, महेंद्र सिंह अहलावत तत्कालीन उपनिदेशक मत्स्य मुख्यालय।

रवि बठला तत्कालीन जिला राजस्व मत्स्य अधिकारी अम्बाला, दलबीर सिंह तत्कालीन जिला मत्स्य अधिकारी भिवानी, सुरेंद्र ठुकराल तत्कालीन जिला मत्स्य अधिकारी हिसार व सिकंदर सिंह सांगवान तत्कालीन जिला मत्स्य अधिकारी नारनौल ने बिना पढ़ाई किए और बिना प्रैक्टिकल क्लास अटैंड किए विनायक मिशन डीम्स यूनिवॢसटी तमिलनाडु और आई.ए.एस.ई. डीम्ड यूनिवॢसटी सरदार शहर राजस्थान के अवैध पढ़ाई केंद्रों के माध्यम से विभाग से अनुचित लाभ लेने के लिए एम.एससी. जूलोजी की डिग्रियां प्राप्त की हैं। यह बात अलग है कि विभाग ने इन्हें पदोन्नति संबंधी कोई लाभ नहीं दिया है।

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