केजीपी एक्सप्रेस वे पर मात्र 70 मिनट में तय होगी 135 किलोमीटर की दूरी

Edited By Shivam, Updated: 27 May, 2018 10:51 PM

135 kilometers will be set in only 70 minutes on kgp express way

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को प्रदूषण और जाम से बचाने के लिए केंद्र सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट इस्टर्न-पैरिफेरल-एक्सप्रेस-वे (केजीपी) का निर्माण नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया(एनएचएआई) ने लगभग तैयार कर दिया है। इसका उद्घाटन यूपी के बागपत से पीएम नरेंदर...

पलवल(दिनेश कुमार): राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को प्रदूषण और जाम से बचाने के लिए केंद्र सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट इस्टर्न-पैरिफेरल-एक्सप्रेस-वे (केजीपी) का निर्माण नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया(एनएचएआई) ने लगभग तैयार कर दिया है। इसका उद्घाटन यूपी के बागपत से पीएम नरेंदर मोदी ने कर दिया है। अब केजीपी राजमार्ग पर सुहाने सफर का सपना साकार होगा। पलवल से दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर कुडंली तक सिक्स लेन के एसक्सप्रेस-वे पर वाहनों की स्पीड लिमिट 120 किमी/घंटा के हिसाब से 135 किमी की लंबी दूरी अब मात्र 70 मिनट में माप सकेंगे। यह एक्सप्रैस-वे बाहरी राज्यों में जाने वाले वाहन दिल्ली के बाहर-बाहर से निकाल देगा। इसकी खूबियां विदेशों में भी अपनी अलग पहचान बनाएंगी।

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ओवरलोड वाहनों की एन्ट्री पर ही ऑटोमैटिक खुलेगा एग्जिट गेट
केजीपी ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे भारत का पहला ऐसा एक्सप्रेसवे है, जिसमें वाहनों का वजन एंट्री प्वाइंट पर पहुंचने से पहले ही हो जाएगा और यह डिसाइड हो जाएगा कि उक्त वाहन की एंट्री होनी है कि नहीं। दिलचस्प ये है कि अगर वाहन ओवरलोड पाया गया तो एंट्री प्वाइंट के बजाय अपने आप ही एक्जिट गेट खुल जाएगा। इसे बनाने की लागत 12 हजार करोड़ रुपए आई है तथा इसे बनाने का समय 30 महीने रखा गया था लेकिन इसे 18 माह में ही पूरा कर लिया गया। 

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हवामहल से लेकर कुतुबमीनार तक 36 स्मारक के होंगे दर्शन
वहीं पलवल में केएमपी व केजीपी का मिलान होगा तथा इस इंटरचेंजिंग जंक्शन का नजारा लोगों को विदेशी सफर की हसरत पूरी करता दिखेगा। इस एक्सप्रेवे में मौजूद कई लैंडमार्क पूरे विश्व के लिए उदाहरण बनेंगे। ईस्टर्न पेरिफेरल पर गुजरने के दौरान हवामहल से लेकर कुतुबमीनार तक 36 ऐसे ही स्मारक दिखाई देंगे। दरअसल इस पूरे एक्सप्रेवे पर इन स्मारकों की प्रतिकृतियां लगाई गई हैं, इनमें कुतुबमीनार, हवामहल, इंडिया गेट, लालकिला, चार मीनार, जलियांवाला बाग, अशोक चक्र, कीर्ति स्तंभ आदि शामिल हैं।

केजीपी की यह है खासियत
केजीपी ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर हर 20 किलोमीटर पर एंबुलेंस व क्रेन मौजूद होंगे। यमुना में 600 मीटर लंबा 4-4 लेन के ब्रिज होंगे। इस पर 4 बड़े ब्रिज, 46 छोट ब्रिज, 3 फ्लाईओवर, 7 इंटरचेंज, 70 अंडरपास, 151 पैदलपार पथ, 141 पुलिया, 8 रेलवेओवर ब्रिज होंगे। 

प्रदूषण रहित होगा देश के पहले ग्रीन एक्सप्रेस वे का इंटरचेंजिंग जंक्शन
पलवल में नेशनल हाईवे नंबर-2 पर केएमपी और केजीपी एक्सप्रेस हाइवे का इंटरचेंजिंग जंक्शन सोलर लाइट से जगमग होगा। इसके लिए 400 केवी पावर स्टेशन बनाया जा रहा है। जंक्शन एरिया के साथ ही केएमपी, केजीपी और एनएच-2 पर लगाए जाने वाली सभी लाईटें सोलर सिस्टम से जलेंगी। जंक्शन के एक-एक किमी दूर तक सोलर लाइटें लगाई जा रही हैं। इंटरचेंजिंग जंक्शन पर्यावरण की दृष्टि से पूरी तरह प्रदूषण रहित होगा। इसके लिए जंक्शन में चार बड़े पार्क सहित 12 पार्क बनाए जा रहे हैं, जिनमें खूब हरियाली होगी। करीब सवा सौ एकड़ जमीन में बनाए जा रहे जंक्शन के पार्कों के पौधों की सिंचाई फव्वारों से होगी।

वहीं पलवल जिले के करीब 22 किलोमीटर के क्षेत्र में जहां छोटे-बड़े 20 पार्क बनाए गए हैं। पार्कों में खूबसूरत पौधे राहगीरों को आकर्षित करेंगे। शाम को फव्वारों की अद्भुत छटा साथ लगते ग्रामीणों को पिकनिक स्पॉट का अहसास कराएगी। केजीपी पर पलवल-अलीगढ़ रोड से प्रवेश व निकास मार्ग की आस अभी बाकी है। हालांकि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी एक वर्ष पूर्व ही इसकी घोषणा कर चुके हैं। 

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