शत-प्रतिशत ईमानदारी, पारदर्शिता और मैरिट से ही मिलेगी नौकरी : भारत भूषण

Edited By Manisha rana, Updated: 30 Oct, 2020 02:42 PM

100 honesty transparency and merit will get the job bharat bhushan

हरियाणा में जंहा पिछली सरकारों पर हमेशा से यह आरोप लगते रहे हैं कि हर नौकरी का रेट फिक्स है। पुलिस की नौकरी 7 लाख, कन्डकटर की नौकरी 5 लाख इत्यादि। यानि नौकरी काबलियत से नहीं बल्कि पैसों की ताकत से हासिल...

चंडीगढ़ (चन्द्रशेखर धरणी) : हरियाणा में जंहा पिछली सरकारों पर हमेशा से यह आरोप लगते रहे हैं कि हर नौकरी का रेट फिक्स है। पुलिस की नौकरी 7 लाख, कन्डकटर की नौकरी 5 लाख इत्यादि। यानि नौकरी काबलियत से नहीं बल्कि पैसों की ताकत से हासिल होती थी। ऐसा हम नहीं बल्कि जनता के बीच ऐसी बातें चलना आम थी। लेकिन हरियाणा की भर्ती प्रक्रिया शायद पूरे देश में सबसे ज्यादा पारदर्शी है। 

भर्ती प्रक्रिया को पूरी से डिजीटल कर दिया है। पर्ची और खर्ची का जमाना पुराना हो गया है। केवल और केवल काबलियत के हिसाब से नौकरी पाई जा सकती है। जिसका बडा उदाहरण है कि प्रदेश में बेहद गरीब परिवारों के बच्चों को नौकरियां हासिल हुई हैं। इन सबका श्रेय जहां हरियाणा की मौजूदा सरकार को जाता है। वहीं हरियाणा कर्मचारी आयोग के चेयरमैन की उत्तम कार्यशैली के कारण ही यह मुमकिन हो पाया है। पंजाब केसरी ने हरियाणा कर्मचारी आयोग के चेयरमैन भारत भूषण भारती से एक्सक्लूसिव बातचीत की। उनसे बातचीत के कुछ अंश आपके सामने प्रस्तत हैंः-

प्रश्न : कर्मचारी चयन आयोग में आपने कब जिम्मेदारी संभाली और किस प्रकार से अपने काम की शुरूआत की?
उत्तर : मार्च 2015 में हरियाणा सरकार ने कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष के नाते मुझे जिम्मेदारी सौंपी। हमने प्रदेश में पारदर्शिता से मेरिट के आधार पर नियुक्तियां देने के लिए एक मिशन के रूप में पूरी टीम ने काम किया। सबसे पहले मैंने सभी राज्यों और केंद्र सरकार के चयन आयोग व एजेंसियों की भर्ती प्रक्रिया को कंपैरेटिव स्टडी किया और समझा।

प्रश्न : बड़े बदलाव के लिए आपके सामने मुख्य चुनौतियां क्या रहीं?
उत्तर : हमारे सामने तीन चैलेंज है सबसे पहले तो भर्ती प्रक्रिया जो कि ऑफलाइन की जाती थी। सबसे पहले 2015 में ही इसे पूरी तरह से कंप्यूटराइज करने का ऐलान किया। जो कि आज यह शत-प्रतिशत डिजिटल है। दूसरा चैलेंज था इनपरसोनेशन जिसे सरल भाषा में कहें तो पहले असली उम्मीदवार की जगह दूसरा व्यक्ति बैठकर पेपर दे दिया करता था। इसे रोकने के लिए हमने परीक्षा की प्रक्रिया के प्रोसेस को अल्ट्रामॉडर्न किया। हमने परीक्षा केंद्रों में सी.सी.टी.वी. कैमरो के साथ रूम में जैमर लगवाए। साथ में इलेक्ट्रॉनिक बायोमेट्रिक की प्रक्रिया शुरू की। क्यू.आर. कोड भी लागू किया। साथ ही सेंटर पर आने वाले परीक्षाथियों को नियमानुसार जांच-पड़ताल करने के बाद अंदर एंट्री करवाई गई। ताकि किसी प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस अन्दर न जा सके। इसके साथ-साथ हमने प्रशन पत्र और उत्तर पुस्तिकाओं पर भी क्यू.आर कोड लगाए ताकि कोई कैंडिडेट उत्तर पुस्तिका पर अपना नाम और रोल नंबर नहीं लिखता या दो कैंडिडेट एक-दूसरे के रोल नंबर योजना के तहत लिख देते हैं। तो जब हम उत्तर पुस्तिका को स्कैन करें तो हमारी टेक्नोलॉजी, हमारा सॉफ्टवेयर जो हमने डवेल्प किया है वह तुरंत बता दे कि उत्तर पुस्तिका किस उम्मीदवार और किस रोलनम्बर की है।

प्रश्न :  इस नए सिस्टम से परीक्षार्थियों का रवैया किस प्रकार से रहा और आज की भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह से आनलाईन मानी जा सकती है?
उत्तर : इस सबमें बच्चे और बच्चियों ने जो पेपर देने आए उनका बहुत सहयोग मिला। सबसे बड़ा विषय हमारे सामने पारदर्शिता और मेरिट का था। पारदर्शिता से अभिप्राय उम्मीदवार अपने या आसपास से कंप्यूटर द्वारा एप्लीकेशन को ऑनलाइन भर सके। यह बहुत बड़ा चैलेंज था। मुख्यमंत्री महोदय का डिजिटल हरियाणा का सपना आज चयन प्रक्रिया के हिसाब से शत प्रतिशत ऑनलाइन है और मेरिट पर आधारित है। साथ ही हमने परीक्षा केंद्रों में नकल इत्यादि को रोकने के लिए भी पुख्ता प्रबंध किए। साथ ही आज नौकरी के लिए एप्लाई से लेकर उत्तर पुस्तिका तक वेबसाइट पर डाली जाती है।

प्रश्न : अगर किसी उम्मीदवार को कोई ओबजेक्शन होता है तो वह क्या करे?
उत्तर : उम्मीदवार अपने घर से ही उस पर ऑब्जेक्शन फाइल कर सकता है। पूरा रिजल्ट निकलने और जॉइनिंग तक अगर किसी उम्मीदवार को भर्ती प्रक्रिया के बारे में कोई भी कठिनाई आती है। तो हमारे समाधान पोर्टल पर जाकर अपनी शिकायत डाल सकता है। प्रतिदिन हमारे पास 40 से 50 शिकायत आती रहती हैं। इनका समाधान 1 सप्ताह के भीतर करके उसी समाधान पोर्टल पर ऑनलाइन जवाब भी दिया जाता है।

प्रश्न : 2015 से लेकर अब तक कितने बच्चों ने नौकरी के लिए एप्लाई किया और कितनों को नौकरी मिली?
उत्तर : अप्रैल 2015 से अब तक करीब डेढ़ करोड़ एप्लीकेशन ऑनलाइन हमारे पास आ चुकी हैं और इसमें से 7 लाख उम्मीदवारों ने एप्लाई किया है। क्योंकि कई उम्मीदवारों ने एक से ज्यादा कैटेगरी में भी मल्टीपल एप्लाई किया हुआ है। अभी तक 1 लाख दो सौ बासठ पोस्ट के लिए हमने भी विज्ञापन जारी किया है। जिसमें से 76,897 लोगों को रिकमेंड करके रोजगार दे दिया गया है। बाकि तेईस हजार हमारे विज्ञापन के अंदर बाकि है। वह प्रक्रिया पूरी की पूरी पाइपलाइन में है। हमने 2020 अप्रैल, मई और जून में लिखित परीक्षा का शेड्यूल डाला था। लेकिन कोरोना के कारण पेपर नहीं करवा सके।

प्रश्न :  इन पेपरों को कब तक करवाने की उम्मीद है और 23000 नौकरी किन किन विभागों से संबंधित हैं?
उत्तर : भारत और हरियाणा सरकार के कोविड-19 संबंधित दिशा-निर्देशों की पालना करते हुए 31 मार्च 2021 तक इसे पूरा करने का प्रयास है।  इनमें पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पटवारी और ग्राम सचिव इत्यादि की भर्तियां होनी हैं। करीब 1068 भर्तियंा माननीय पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में किसी-न-किसी कारण से लंबित है। 31 दिसंबर 2020 तक उनके परिणाम भी नियमानुसार निकालने का हमारा प्रयास है।

प्रश्न : मनोहर लाल की पार्ट-2 की सरकार यानि 1 साल के कार्यकाल में कितनी नौकरियां दी गई और आगामी 4 वर्ष में कितनी नौकरियां देने की योजना है?
उत्तर : अक्टूबर 2019 से अक्टूबर 2020 तक करीब 12000 कर्मचारियों की भर्ती हुई है। 15000 नई भर्तियों के लिए विभिन्न विभागों से रिक्विजिशन प्राप्त हुई है। जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, पुलिस, कृषि और अनेक विभागों की डिमांड आई है। नई भर्तियों के लिए हम नवंबर के बाद विज्ञापन जारी करने वाले हैं। अभी मुख्यमंत्री महोदय ने 2 दिन पहले आगामी 4 वर्षों में एक लाख नई भर्तियों की घोषणा की है। जिन-जिन विभागों से मांग पत्र हमारे पास आएगा। हम शीघ्र- अतिशीघ्र पूरी पारदर्शिता के साथ मेरिट के आधार पर भर्ती करने का प्रयास करेंगे।

प्रश्न :  कुछ बच्चों के माता-पिता सरकारी नौकरी में होने के कारण मेरिट के आधार पर पिछड़ जाते हैं। मानते हैं कि उनके साथ भेदभाव हो रहा है? 
उत्तर : चयन प्रक्रिया का मापदंड हरियाणा सरकार तय करती है। अभी हरियाणा सरकार ने जनहित में जैसे बिना पिता का बच्चा हो, विधवा महिला हो, किसी घुमंतू जाति से सम्बन्ध रखता हो या जिसके परिवार से कोई सरकारी विभाग में कर्मचारी नहीं हो या फिर सरकारी विभाग में कॉन्ट्रैक्ट पर लगा हुआ है उन्हें अलग से पांच नंबर दिए जाते हैं। 20 में से ज्यादा-से-ज्यादा 10 नंबर ही मिलते हैं। सरकार के इस फैंसले से  प्रदेश के लाखों लोगों का परिवार हुआ है। ऐसा मैं मानता हूं कि यह सरकार का प्रशंसनीय प्रयास है।

प्रश्न :  हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन की परीक्षाओं में कई बार आउटर सिलेबस आने की बात सामने आई है। ऐसे कई मामले हाई कोर्ट तक पहुंचे। इसके बारे में क्या कहेंगे?
उत्तर : सरकार के विभिन्न विभागों से हमारे पास मांगपत्र आते हैं। हम पोस्ट के हिसाब से क्वालिफिकेशन विज्ञापन में भी लिखते हैं और हमारा शत-प्रतिशत प्रयास रहता है कि उसी क्वालिफिकेशन के सिलेबस के हिसाब से एक-एक प्रशन हो। लेकिन आज शिक्षा का बहुत तेजी से विकास हुआ है। जैसे सी.बी.एस.ई., हरियाणा शिक्षा बोर्ड का सिलेबस भी काफी अलग-अलग है। मैं अपनी बात करूं तो बी.ए. के बाद मैंने प्रैप के अंदर ट्राईग्रोमेटरी पढी थी। वही लगभग सेम आज पांचवी क्लास में पढ़ाई जा रही है। अगर मैं कहूं कि यह आउट ऑफ सिलेबस है तो यह बात न्याय संगत नहीं है।

प्रश्न :  हरियाणा के बच्चों को ज्यादा-से-ज्यादा नौकरी मिले। क्या हरियाणा में भी इस प्रकार का प्रावधान हो सकता है?
उत्तर : यह एक संवैधानिक मामला है। भारत के संविधान में किस प्रदेश को ऐसा अधिकार नहीं है कि इस प्रकार की शर्तों के साथ प्रक्रिया को शुरू करे। मेरी जानकारी में किसी प्रदेश में ऐसा नियम नहीं है। हमारा देश  यूनियन ऑफ स्टेट है। नियमों के अनुसार आप किसी दूसरे प्रांत के उम्मीदवार को भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने से नहीं रोक सकते। परंतु प्रदेश ने अपने राज्य भाषा को अनिवार्य किया हुआ है। उदाहरण के लिए हरियाणा में मैट्रिक तक संस्कृत या हिंदी और पंजाब में गुरुमुखी का ज्ञान अनिवार्य है।

प्रश्न :  कोरोना काल में बायोमैट्रिक बंद करना पड़ा। इसके अलावा क्या फार्मूला आपने अपनाया?
उत्तर : वैसे तो कोविड-19 के समय कोई परीक्षा नहीं करवाई गई। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पी.टी.आई. की भर्ती 23 अगस्त 2020 को हमने एक पेपर करवाया था। उसे भारत सरकार की नियमावली में बायोमेट्रिक का इस्तेमाल नहीं हुआ। लेकिन उसका अल्टरनेटिव यानि फेशियल रिकॉग्निशन का इस्तेमाल किया गया। जो कि आजकल विश्व के सभी एयरपोर्ट पर लागू हैं। हमने ट्रायल के तौर पर इसका इस्तेमाल किया जिसके परिणाम काफी सार्थक रहे। यह एक सुरक्षित प्रक्रिया है। हमने इसे आगे भी लागू करने का निर्णय लिया है।

प्रश्न :  कुछ लोग इस भर्ती प्रक्रिया पर भी उंगली उठाने की कोशिश करते हैं?
उत्तर : हमारा देश लोकतांत्रिक देश है। हर व्यक्ति को अपनी बात कहने की आजादी है। किसी को हम उनकी बात कहने से नहीं रोक सकते। पारदर्शिता के साथ मेरिट के आधार पर नौकरी दे रहे हैं। राजनीतिक और सामाजिक लोगों व प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा भी हमें कई सुझाव मिले हैं। हमने इनके अच्छे सुझावों को अपनी प्रक्रिया में समाहित करने का भी प्रयास किया है।

 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!