Edited By Deepak Paul, Updated: 02 Feb, 2019 01:41 PM
घने दिनां तै जींद की बाता हो रही सैं। होनी ई थी प्रदेस की सत्ता का दरवाजा सै अर इब्ब इस म्हैं भगवांधारियां की एंट्री हो गई सै। खट्टर बाबा अर उसके सारे मंत्री घने खुस सै। अर क्यूं ना होवैं सारे खागड नेता नै हरा कै इनकै डाक्टर साहब जीत गए सैं।
चंडीगढ़(मीनू): घने दिनां तै जींद की बाता हो रही सैं। होनी ई थी प्रदेस की सत्ता का दरवाजा सै अर इब्ब इस म्हैं भगवांधारियां की एंट्री हो गई सै। खट्टर बाबा अर उसके सारे मंत्री घने खुस सै। अर क्यूं ना होवैं सारे खागड नेता नै हरा कै इनकै डाक्टर साहब जीत गए सैं। इसकै पाच्छै सबता बडा कारन जाट वोटां का बंटवारा होना बी सैं। पहल्या तो हरी पगड़ी आलेआ अर भतीजेआ की पार्टी नै जाटां की वोट बांट दी सैं। इनकै समर्थक बी बंट गै फेर हाथ आलेआं का उम्मीदवार बी जाट ई था।
भगवांधारियां नै जात कार्ड तो कोनी खेलया पर पंजाबी मुख्यमंत्री आला कार्ड पूरा चालया सै। दूजीआं पार्टी आलै बाहरी उम्मीदवार के नाम पै इन्नै कोसन लाग रहै थै अर इन्नै जीत कै थोडी देर खातर तो सबकै मुंह बंद कर दिया सै। इबबी तो कुछ दिन यू किस्सा चाल्लैगा अर यू पार्टी तो न्यू ई चाल्लैगी।