Edited By Shivam, Updated: 14 Oct, 2019 09:44 PM
पूर्व उप-प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल जिसे अपना मानते थे, उसके लिए कुछ भी कर गुजरते थे। बात 1988 की है, जब वह हरियाणा के मुख्यमंत्री थे और डा. कृपाराम पूनिया उनकी सरकार में उद्योग मंत्री थे। डा. पूनिया का जींद जिले के उचाना कलां हलके में लोकदल विधायक...
जींद (जसमेर): पूर्व उप-प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल जिसे अपना मानते थे, उसके लिए कुछ भी कर गुजरते थे। बात 1988 की है, जब वह हरियाणा के मुख्यमंत्री थे और डा. कृपाराम पूनिया उनकी सरकार में उद्योग मंत्री थे। डा. पूनिया का जींद जिले के उचाना कलां हलके में लोकदल विधायक देशराज नंबरदार ने विरोध कर दिया था।
इसकी शिकायत डा. पूनिया ने चौ. देवीलाल को की तो उन्होंने अपनी ही पार्टी के विधायक देशराज नंबरदार को निलंबित करने में एक पल भी नहीं लगाया था और डा. पूनिया के साथ उचाना के उसी गांव में जनसभा की, जहां डा. पूनिया के आने पर नंबरदार ने खुले विरोध की चेतावनी दी थी। चौ. देवीलाल और डा. कृपाराम पूनिया की कैमिस्ट्री उन दिनों खूब मिलती थी। इसके चलते ही चौ. देवीलाल ने हिसार जिले में देवीगढ़ पूनिया नाम से गांव बसाया।
विवाद इस बात को लेकर था कि डा. पूनिया ने उचाना हलके के एक गांव में जनसभा के लिए मंजूरी दी थी और इसके लिए उचाना के विधायक देशराज नंबरदार को भरोसे में नहीं लिया था। नंबरदार इस बात से नाराज थे और उन्होंने विरोध कर दिया था।