Edited By Deepak Paul, Updated: 17 Aug, 2018 11:48 AM
साहिब की मौत के नौवें दिन बाद भी पुन्हाना अनाजमंडी में लोगों का धरना जारी रहा। वहीं साहिब की मौत के विरोध में मेवात के प्रमुख नेताओं, वकीलों तथा समाजसेवियों के 31 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने अपनी गिरफ्तारी दी। गिरफ्तारी के बाद पुन्हाना एसडीएम जितेन्द्र...
नूंह(ब्यूरो): साहिब की मौत के नौवें दिन बाद भी पुन्हाना अनाजमंडी में लोगों का धरना जारी रहा। वहीं साहिब की मौत के विरोध में मेवात के प्रमुख नेताओं, वकीलों तथा समाजसेवियों के 31 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने अपनी गिरफ्तारी दी। गिरफ्तारी के बाद पुन्हाना एसडीएम जितेन्द्र गर्ग ने सभी की गिरफ्तारी दर्ज कर उन्हें जमानत पर नूंह छुड़वा दिया। इंसाफ कमेटी के सदस्यों का कहना है कि जब तक साहिब की हत्या के आरोपी पुलिसकर्मियों को पकड़ा नहीं जाता, तब तक वे साहिब के शव को मिट्टी नहीं देंगे। सुबह नौ बजे से पुन्हाना अनाजमंड़ी में साहिब की मौत के विरोध में इसंाफ कमेटी का धरना जारी रहा।
नूंह विधायक जाकिर हुसैन, फिरोजपुर झिरका विधायक नसीम अहमद, पूर्व मंत्री मौ. इलियास, पूर्व मंत्री आफताब अहमद, पूर्व विधायक हबीर्बुरहमान, कांग्रेसी नेता एजाज खान, मामन खान इंजीनियर साहब खान पटवारी, जिला पार्षद तारीफ खुर्शीद, सफी गुलालता, भाजपा नेता इकबाल जैलदार, सुभान खां, जावेद सोहना, नौमान सरपंच औथा, एडवोकेट रमजान चौधरी, इसंाफ कमेटी के संयोजक रशीद अहमद, अमन अहमद, अ तर हुसैन समेत कांगे्रस, इनेलो, भाजपा पार्टियों के नेताओं तथा समाजसेवियों ने पुन्हाना एसडीएम कार्यालय के बाहर पुलिस को अपनी गिरफ्तारी दी।
मुख्यमंत्री से मिलकर खुश नहीं इंसाफ कमेटी: साहिब की मौत के मामले में इंसाफ कमेटी के सदस्य 14 अगस्त को प्रदेश के मु यमंत्री से मिले। जहां पर मु यमंत्री के साथ पुन्हाना विधायक व वक्फबोर्ड के चेयरमेन रहीशा खान भी शामिल हुए। ऐसे में इंसाफ कमेटी के सदस्यों ने मृतक साहिब के परिजनों के लिए 50 लाख मुआवजा व परिवार के दो सदस्यों को नौकरी मांगी। इसके अलावा कमेटी द्वारा साहिब की हत्या के आरोप में लगभग तीन दर्जन पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की। मुख्यमंत्री से मिलकर इंसाफ कमेटी के सदस्यों की एक बैठक गुडग़ांव तथा एक बैठक सोहना में हुई।
धरना लगातार जारी रखने, 16 से 18 अगस्त तक रोजाना 31 लोगों द्वारा गिरफ्तारी देने, विधायक जाकिर हुसैन व नसीम अहमद द्वारा विधानसभा में मुद्दा उठाने तथा 19 अगस्त को दिल्ली जंतर-मंतर पर धरना देने की रणनीति तय की गई। साहिब की मौत को नौ दिन बीत चुके हैं। परंतु साहिब के शव को अब तक मिट्टी नसीब नहीं हुई।