खानापूर्ति और निगरानी से आगे नहीं बढ़ पा रहा प्रदूषण की रोकथाम

Edited By Deepak Paul, Updated: 09 Jan, 2019 01:23 PM

prevention of pollution beyond food and environment

गुडग़ांव सहित पूरे एनसीआर में प्रदूषण को लेकर प्रशासन से लेकर शीर्ष न्यायालय तक चिंतित है। दूसरी तरफ सर्वाधिक प्रदूषित शहर गुडग़ांव में प्रदूषण विभाग सिर्फ डाटा एनालिसिस और मॉनिटरिंग से आगे नहीं बढ़ पा रहा है। शहर में पहले ही प्रदूषण को लेकर विभिन्न...

गुडग़ांव(ब्यूरो): गुडग़ांव सहित पूरे एनसीआर में प्रदूषण को लेकर प्रशासन से लेकर शीर्ष न्यायालय तक चिंतित है। दूसरी तरफ सर्वाधिक प्रदूषित शहर गुडग़ांव में प्रदूषण विभाग सिर्फ डाटा एनालिसिस और मॉनिटरिंग से आगे नहीं बढ़ पा रहा है। शहर में पहले ही प्रदूषण को लेकर विभिन्न स्थानों पर पोल्यूशन मॉनिटरिंग सिस्टम लगाया था जिसे बाद में और भी बढाया गया है। हांलाकि जीएमडीए अब इसको लेकर प्राईवेट संस्थाओं से भी अपील कर रहा है ताकी पर्टिकुलैट मैटर का सही आंकलन किया जा सके इसके अलावा ग्रेडेड रिस्पांस तैयार करने में मदद मिले। लेकिन असल सवाल यह कि आखिर जहरीले होते वातावरण की मॉनिटरिंग से ही कैसे इस समस्या से निजात मिलेगी। अब आम आदमी सवाल करने लगा है कि आखिर प्रदूषण विभाग अपने कतव्र्य की इतिश्री मॉनिटरिंग तक ही मानता है। 

दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में गुडग़ांव प्रशासन प्रतिबद्धता प्रगट कर रहा है। सॢदयों का मौसम शुरु हो चुका है और दिल्ली-एनसीआर की हवा की गुणवत्ता की निगरानी के लिए केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान तैयार कर चुका है। सर्वोच्च न्यायालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राष्ट्रीय हरित न्यायालय के आदेशों के अनुपालन को लेकर जि मेदार सरकारी संस्थाएं सिर्फ खानापूर्ति करती दिखाई देती हैं। 

अरावली में अवैध कटान निर्माण है बदस्तूर जारी
नसीआर का फेफड़ा कहा जाने वाला भौगौलिक नजरिए से सबसे प्राचीन पर्वत माला अरावली के साथ बिल्डर और वन माफिया का खिलवाड़ जारी है। रातो-रात सैकड़ों की सं या में पेड़ गायब होते जा रहे हैं। गतदिनों जब एनजीटी ने इसपर सरकार से सवाल किया तो जबाव मिला कि दीमकों ने पेड़ खा लिया। तो वहीं अवैध रुप से इन क्षेत्रों में निर्माण का कार्य भी जारी है। दूसरी तरफ सिर्फ खानापूर्ति के नाम पर पौधारोपण किया जाता है और सरकारी फाईलों में हरियाली दिखा दी जाती है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि कैसे रुकेगा प्रदूषण। 

क्षणिक के बजाए स्थायी प्रयास करने होंगे 
गुडग़ांव प्रशासन का शहर में प्रदूषण को रोकने का प्रयास नाकाफी है। अब नई कवायद के तहत सभी आरडब्ल्यूए और उनकी आवासीय सोसायटी में तैनात सुरक्षा कर्मियों को हीटर उपलब्ध करवाने की तैयारी है। लेकिन दूसरी तरफ औद्यौगिक क्षेत्रों से हजारों चिमनियों से निकलने वाले काले धूंए पर प्रशासन की नजर नहीं है। गुडग़ांव में आंतरिक परिवहन के नाम पर चलने वाले लाखों डीजल वाहनों पर प्रशासन का कोई अंकुश नहीं है। यहां तक कि स्वीकृत जनरेटरों की सं या से कई गुना अधिक जेनरेटर सेट गुडग़ांव में धडल्ले से चल रहे हैं जो अधिकारियों को दिखाई नहीं देता। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!