Edited By Rakhi Yadav, Updated: 20 Jul, 2018 12:44 PM
हरियाणा हाऊसिंग बोर्ड के चेयरमैन जवाहर यादव ने कहा कि हरियाणा विधानसभा और कैथल के लाखों मतदाताओं का अपमान करने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुर्जेवाला सिर्फ बातें करना...
चंडीगढ़(पांडेय): हरियाणा हाऊसिंग बोर्ड के चेयरमैन जवाहर यादव ने कहा कि हरियाणा विधानसभा और कैथल के लाखों मतदाताओं का अपमान करने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुर्जेवाला सिर्फ बातें करना जानते हैं। जिस विधानसभा का सदस्य बनाने की दुहाई देकर उन्होंने कैथल के लोगों से वोट मांगे थे उस विधानसभा में आने में अब सुर्जेवाला को शर्म आती है या फिर वह इस गौरवशाली सदन, कैथल की जरूरतों और प्रदेश के विकास को अहमियत ही नहीं देते।
आखिर क्या कारण है कि रणदीप सुर्जेवाला अब तक 66 दिन चली हरियाणा विधानसभा में सिर्फ 5 बार पधारे हैं। टी.वी. चैनलों पर भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछने वाले इस महारथी ने साढ़े 3 साल में विधानसभा में एक भी सवाल नहीं पूछा। सभी मुद्दों पर मीडिया में ज्ञान बांटने वाले इनको विधानसभा में न तो कभी ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाने लायक कोई विषय मिला, न इन्होंने कभी किसी मसले पर काम रोको प्रस्ताव लाने की जरूरत समझी। मतलब धुरंधर प्रवक्ता जी का सवाल, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, काम रोको प्रस्ताव में खाता शून्य है।
जवाहर ने कहा कि प्रैस कांफ्रेस में झूठ का पुङ्क्षलदा परोसने वाले रणदीप सुर्जेवाला के पास ऐसे कोई तथ्य नहीं हैं जो विधानसभा में कहे जा सकें क्योंकि विधानसभा में बातें तथ्यों और सच्चाई के आधार पर ही रखी जाती हैं। कोई झूठ बोलता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होती है। बस इसीलिए सुर्जेवाला न वहां आते, न कोई बात कहते। सुर्जेवाला यह क्यों नहीं बताते कि 10 साल तक मंत्री होते हुए उन्होंने अपनी सरकार से स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करवाने और किसानों को 50 फीसदी मुनाफे वाला समर्थन मूल्य दिलवाने के लिए अपनी सरकार पर दबाव क्यों नहीं बनाया। सुर्जेवाला यह भी बताएं कि वित्त मंत्री और लोकनिर्माण मंत्री होते हुए भी उनके राज में अम्बाला-कैथल-हिसार हाईवे को फोरलेन करने का प्रोजैक्ट लटका ही क्योंं रहा।
कांग्रेस की 10 साल की सरकार में सुर्जेवाला कौन सी सैटिंग के तहत अपने क्षेत्र की सड़कों को लेकर चुप बैठे रहे। किसानों की ङ्क्षचता आपको तब क्यों नहीं हुई जब भूपेंद्र सिंह हुड्डा अधिग्रहण का डर दिखाकर किसानों की जमीन बिल्डरों के हाथों लुटवा रहे थे। क्यों आप उस वक्त चुप रहे जब भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता वाली कमेटी की रिपोर्ट किसी ने हाथ में उठाकर भी नहीं देखी। सुर्जेवाला को बताना चाहिए कि ये बातें जो उन्हें अब आती हैं, यह मंत्री की कुर्सी का सुख भोगते हुए 10 साल तक क्यों नहीं आईं ‘खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे’ कहावत ऐसे ही लोगों के लिए बनी है।