Edited By Isha, Updated: 25 Jun, 2019 12:42 PM
प्राईवेट बस चालकों की मनमानी रुकने का नाम नहीं ले रही है और सरकारी नियमों की अनदेखी करके मनमाना धनउगाही की जा रही है। निजी चालकों को सरकारी नियमों अथवा प्रशासनिक फरमानों की कोई
गुडग़ांव: प्राईवेट बस चालकों की मनमानी रुकने का नाम नहीं ले रही है और सरकारी नियमों की अनदेखी करके मनमाना धनउगाही की जा रही है। निजी चालकों को सरकारी नियमों अथवा प्रशासनिक फरमानों की कोई परवाह नहीं है। गत दिनों हरियाणा के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने आदेश जारी कर कहा था कि प्रदेश में चलने वाली परमिटशुदा बसों में उन सभी कैटेगरी के यात्रियों को बस पास, मुफ्त व रियायती यात्रा की सुविधा दी जाएगी, जो रोडवेज बसों में दी जाती है।
इसके बावजूद अधिकंाश बसों के परिचालक पास होने के बावजूद जबरन किराया वसूल करते हैं। प्राईवेट चालकों की मनमानी पर प्रशासन अंकुश लगा पाने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है। इन बसों में बाकायदा पीछे की सीट के पास सभी कैटेगरी के प्रिंट कराने को लेकर सरकारी आदेश हुए थे। लेकिन अभी तक निजी बस संचालकों ने ऐसा नहीं किया है। ना ही इन बसों में पिछली सीट के पास किसी तरह की कैटेगिरी प्रिंट कराई गई है।
यहां तक कि सरकारी रंगरोगन में धडल्ले से बसे चलाई जा रही है जो यात्रियों को सरकारी बस होने का छलावा देती है। इस तरह की तकरीबन दो दर्जन से अधिक बसे दिल्ली से जयपुर तक धूंवाधार सवारियों को ढो रही हैं। दिल्ली के धौलाकुआं से होकर गुडग़ांव होते हुए ये प्राईवेट बसें बादशाहपुर, मानेसर, धारुहेड़ा, नीमराणा होते हुए जयपुर के लिए चलाई जा रही हैं। करीब दो दर्जन से अधिक बसों का संचालन निजी वाहन चालकों की ओर से किया जा रहा है जो बिना परमिट के चलाई जा रही है। दूसरी तरफ सरकारी बसों को यात्रियों के लिए जूझना पड़
रहा है।