सदन में आदेश के बाद भी मलबा निस्तारण कंपनी की नहीं हुई जांच

Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 09 Aug, 2021 08:15 PM

debris disposal company was not investigated even after the order in the house

नियमों को ताक पर रखकर खुद के कार्य को किसी अन्य एजेंसी को सबलेट करने के मामले में नगर निगम अधिकारियों का ढूलमूल रवैया उजागर हो रहा है। हुआ है। कंपनी द्वारा नियमों के उल्लंघन के मामले में मेयर मधु आजाद ने 30 जुलाई को जांच के आदेश दिए थे, सदन की बैठक...


गुडग़ांव (कृष्ण कुमार): नियमों को ताक पर रखकर खुद के कार्य को किसी अन्य एजेंसी को सबलेट करने के मामले में नगर निगम अधिकारियों का ढूलमूल रवैया उजागर हो रहा है। हुआ है। कंपनी द्वारा नियमों के उल्लंघन के मामले में मेयर मधु आजाद ने 30 जुलाई को जांच के आदेश दिए थे, सदन की बैठक में निगमायुक्त ने भी कंपनी की जांच को लेकर कहा था, लेकिन सदन की बैठक को भी दस दिन बीत गए हैं, लेकिन आज तक निगम अधिकारी जांच करने के नाम पर खानापूर्ति करते नजर आ रहे हैं। निगम सूत्रों के अनुसार कंपनी ने कार्य सबलेट करने की हामी भी भर ली है, बावजूद इसके निगम अधिकारी कंपनी पर कार्रवाई करने में आनाकानी कर रहे हैं। ऐसे में निगम अधिकारियों पर सवालिया निशान लग रहा है।
बता दें कि शहर में मलबा निस्तारण करने के लिए नगर निगम ने आईएल एंड एफएस कंपनी के साथ 20 वर्ष का एग्रीमेंट किया हुआ है। एग्रीमेंट में यह साफ तौर पर लिखा हुआ है कि कंपनी अपने इस कार्य को किसी अन्य एजेंसी को सबलेट नहीं कर सकती है, लेकिन बावजूद इसके भी कंपनी ने नियमों को ताक पर रखकर मलबा निस्तारण कार्य किसी अन्य एजेंसी को सबलेट कर दिया। मामला उजागर होने के बाद 30 जुलाई को मेयर मधु आजाद ने इस पूरे मामले की जांच के लिए संयुक्त आयुक्त मुख्यालय हरिओम अत्री को जांच के आदेश दिए थे, लेकिन हरिओम अत्री पहले से ही सीएंडडी वेस्ट को देख रहे थे, इस उन्होंने इस जांच से अपने हाथ खींच लिए हैं। मेयर ने  पूरी जांच कर 04 अगस्त को इसकी रिपोर्ट मेयर कार्यालय में जमा करवाने के आदेश दिए थे, लेकिन दस दिन बीत जाने के बाद भी आज तक जांच सिरे नहीं चढ पाई है। 
आईएल एंड एफएस ने मानी गलती, लेकिन कार्रवाई नहीं
निगम सूत्रों के अनुसार आईएल एंड एफएस कंपनी ने निगमायुक्त मुकेश कुमार आहूजा के सामने यह माना कि उन्होंने कार्य अन्य एजेंसी को सबलेट किया हुआ है। यानि कि निगम अधिकारियों के पास कंपनी ने नियमों का उल्लंघन किया हुआ है इसकी पूरी जानकारी है, लेकिन कंपनी पर चंडीगढ में बैठे के अधिकारी का हाथ होने के कारण निगम अधिकारी भी कंपनी पर कार्रवाई करने से पहले सौ बार सोच रहे हैं। 
मलबा उठाने के नाम पर भी लोगों को लूट रही कंपनी
नगर निगम की तरफ से आईएल एंड एफएस सिर्फ मलबा निस्तारण का कार्य दिया हुआ है, लेकिन कंपनी ने पहले तो एग्रीमेंट के नियमों का उल्लंघन कर अपना कार्य किसी अय्यर कंपनी को सबलेट कर दिया। फिर अय्यर कंपनी भी यहां तक सिमित नहीं रही, अय्यर ने भी अपने नियमों को ताक पर रखकर लोगों के घरों से मलबा उठाने के नाम पर वसूली शुरू कर दी। जबकि लोगों के  घरों से मलबा उठाने का कार्य निगम ने किसी अन्य एजेंसी को दिया हुआ है। इस मामले को लेकर भी निगम अधिकारियों के  पास जानकारी है, लेकिन कोई कार्रवाई कंपनी के खिलाफ नहीं की जा रही है। ऐसे में इस मामले में निगम अधिकारियों की मिलीभगत से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।
वर्जन
आईएल एंड एफएस कंपनी की पारदर्शी जांच के लिए सयुक्त आयुक्त-1 प्रदीप अहलावत को इसकी जिम्मेवारी सौंपी गई है। जांच में अगर कंपनी एग्रीमेंट के नियमों का उल्लंघन करती मिली तो कंपनी के खिलाफ सख्त से  सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी और साथ ही कंपनी के खिलाफ पुलिस में मुकदमा भी दर्ज करवाया  जाएगा। नगर निगम में इस तरह से भ्रष्टाचार को कदापि बर्दास्त नहीं किया जाएगा। मधु आजाद, मेयर, नगर निगम, गुरुग्राम।
 

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