अदालत ने सीआईए के 2 एएसआई को सुनाई 5-5 साल की कैद

Edited By Deepak Paul, Updated: 21 Feb, 2019 01:58 PM

court sentences 2 cas to asi 5 5 years imprisonment

कबाड़ी से साढ़े 8 लाख रुपए रिश्वत लेने के आरोप में दर्ज भ्रष्टाचार एक्ट के तहत मामले की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अश्विनी कुमार मेहता की अदालत ने पर्याप्त सबूतों व गवाहों के आधार पर अपराध शाखा  के 2 सहायक उपनिरीक्षकों को 5-5...

गुडग़ांव: कबाड़ी से साढ़े 8 लाख रुपए रिश्वत लेने के आरोप में दर्ज भ्रष्टाचार एक्ट के तहत मामले की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अश्विनी कुमार मेहता की अदालत ने पर्याप्त सबूतों व गवाहों के आधार पर अपराध शाखा  के 2 सहायक उपनिरीक्षकों को 5-5 साल की कैद व 10-10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। अदालत ने इसी मामले में बिचौलियों की भूमिका निभाने वाले दिल्ली पुलिसकर्मी व कबाड़ी को 4-4 साल की कैद व 10-10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माने की धनराशि का भुगतान न करने पर दोषियों को अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। सरकारी अधिवक्ता देवेंद्र कुण्डू से प्राप्त जानकारी के अनुसार दिल्ली के जहीर अहमद ने वर्ष 2013 की 23 जुलाई को गुडग़ांव स्थित विजिलेंस विभाग को शिकायत दी थी कि वह द्वारका दिल्ली में कबाड़ी का काम करता है और उसका पुत्र इस्लाम भी उसे सहयोग करता है। बरेली का सरफराज भी गुडग़ांव में कबाड़ी का काम करता है, उसका उसके पुत्र के पास आना-जाना है।

सरफराज व दिल्ली पुलिस कर्मी सूबे के पुलिस के साथ अच्छे संबंध हैं। शिकायत में कहा गया था कि सरफराज ने उसके पुत्र को 20 जुलाई को किसी बहाने से गुडग़ांव बुला लिया और सैक्टर 10 अपराध शाखा से सेटिंग कर उसे पकड़वा दिया। सरफराज ने जहीर अहमद से कहा कि वह परेशान न हो। सीआईए वालों से बात करा देगा। उसने सहायक उप निरीक्षक विनोद कुमार व राज कपूर से मिलवाया। पुत्र को छुड़ाना है तो 10 लाख दो, नहीं तो तुम्हें भी बंद कर दूंगा, पूरी जिंदगी जेल में सड़ोगे। जहीर ने किसी तरह से 5 लाख का इंतजाम कर दिया और सरफराज के माध्यम से सीआईए वालों को देने के लिए भिजवा दिए, लेकिन उन्होंने पुत्र को फिर भी नहीं छोड़ा। वे बाकी रुपए देने का दबाव बनाते रहे। जहीर ने साढ़े 3 लाख रुपए का फिर इंतजाम किया, उसने विजिलेंस के अधीक्षक से गुहार लगाई कि उसे सीआईए के चंगुल से बचाया जाए। 

अधीक्षक ने छापामार टीम का गठन कर शिकायतकर्ता को एक-एक हजार के पाउडर लगे नोट दिए। राजीव चौक स्थित मस्जिद क्षेत्र में छापामार टीम ने जहीर से साढ़े 3 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए सरफराज को काबू कर लिया। सरहौल क्षेत्र में सरफराज ने सूबे को साढ़े 3 लाख रुपए दिए तो छापामार टीम ने उसे भी काबू कर लिया। 


विजिलेंस विभाग ने दर्ज किए मामले
विजिलेंस विभाग ने भ्रष्टाचार उन्मूलन अधिनियम 7, 8, 13 के तहत मामला दर्ज कर सूबे, सरफराज तथा सीआईए के दोनों सहायक उपनिरीक्षकों को भी काबू कर लिया। पूछताछ के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था। बाद में सभी आरोपियों ने अदालत से जमानत प्राप्त कर ली थी। मामला अदालत में चला। विजिलेंस विभाग ने अदालत में जो सबूत व गवाह पेश किए, उनसे आरोपियों पर लगे आरोप सिद्ध होना पाते हुए अदालत ने दोनों सहायक उपनिरीक्षकों राजकपूर व विनोद कुमार को 5-5 साल की कैद व 10-10 हजार रुपए जुर्माना और सूबे व सरफराज को 4-4 साल की कैद व 10-10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माने का भुगतान न करने पर दोषियों को 6-6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

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