Edited By kamal, Updated: 03 May, 2019 10:24 AM
हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा की कार्यकर्ता बैठक का सभी को इंतजार था। राजनीतिक गलियारों में इस बैठक के...
फतेहाबाद(स.ह.): हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा की कार्यकर्ता बैठक का सभी को इंतजार था। राजनीतिक गलियारों में इस बैठक के दौरान कांडा द्वारा लिए जाने वाले ‘फैसले’ पर कयास लगाए जा रहे थे। ये कयास जोरों पर थे कि कांडा भाजपा को समर्थन देने का ऐलान कर सकते हैं। मगर सारे कयास बेमानी साबित हुए। कांडा की मीटिंग के बाद डा. तंवर उनके आवास पर पहुंचे और जिस गर्मजोशी से उन्होंने तंवर का स्वागत किया, उससे जाहिर हो गया कि इन नेताओं में अब नजदीकियां बढ़ गई हैं।
सिरसा संसदीय सीट पर असर रखने वाले पूर्व मंत्री गोपाल कांडा की कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष डा. अशोक तंवर के संग बढ़ रही नजदीकियों से सिरसा सीट पर दिलचस्प समीकरण बनते जा रहे हैं। कांडा और तंवर की जुगलबंदी के चलते ही 2011 में भी कांग्रेस ने रतिया उपचुनाव जीता था। अब सिरसा में 12 मई को चुनाव है। गोपाल कांडा सिरसा की रानियां, सिरसा, कालांवाली सहित कई सीटों पर प्रभाव रखते हैं।
2009 में वे सिरसा से आजाद विधायक बने थे।
सियासी पर्यवेक्षक मानते हैं कि एक रोज पहले कांडा ने चुनावों को लेकर बैठक की लेकिन स्पष्ट फैसला नहीं दिया। खास बात यह है कि 1 मई की मुलाकात से पहले भी 30 अप्रैल को डा. तंवर ने गोपाल कांडा व गोबिंद कांडा संग बैठक की थी। गोपाल हुड्डा सरकार में मंत्री रह चुके हैं और उस समय तंवर सिरसा के सांसद थे। उस समय दोनों ने मिलकर सिरसा में कई विकास कार्य करवाए थे। वहीं, डा. अशोक तंवर ने कांडा को अपना बड़ा भाई बताया, जबकि गोपाल ने तंवर को अपना छोटा भाई बताया। तंवर ने कहा कि हमने पहले भी सिरसा में मिलकर काम किया और अब फिर से विकास की रफ्तार को गति देंगे।