करोड़ों का घोटाला, केस दर्ज, लेकिन जांच नहीं बढ़ी आगे

Edited By Naveen Dalal, Updated: 15 Jul, 2019 11:09 AM

crores scam filed case but probe did not go ahead

देश में सबसे पहले जिले के आबकारी एवं कराधान विभाग ने लगभग 2500 करोड़ रुपए के फर्जी जी.एस.टी. बिल घोटाले का पर्दाफाश किया था, जिसमें लगभग 20 करोड़ से अधिक का राजस्व का चूना लगा था। आबकारी एवं कराधान विभाग ने...

फतेहाबाद (ब्यूरो): प्रदेश में सबसे पहले जिले के आबकारी एवं कराधान विभाग ने लगभग 2500 करोड़ रुपए के फर्जी जी.एस.टी. बिल घोटाले का पर्दाफाश किया था, जिसमें लगभग 20 करोड़ से अधिक का राजस्व का चूना लगा था। आबकारी एवं कराधान विभाग ने 17 फर्जी फर्मों के खिलाफ  एफ .आई.आर. दर्ज करवाई थी लेकिन लम्बा समय बीतने के बाद भी उनके खिलाफ  जांच आगे नहीं बढ़ पाई है। अब यह जांच डी.जी.पी. क्राइम की निगरानी में आगे चल रही है। 

हैरानी वाली बात यह है कि अब तक इतने बड़े घोटाले में एक भी व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं हुई है और न ही पुलिस इतने बड़े घोटाले के सूत्रधार तक पहुंच पाई है। हालांकि फतेहाबाद आबकारी एवं कराधान विभाग निरंतर बोगस जी.एस.टी. बिलों का पर्दाफाश करता आ रहा है।

किसी भी आरोपी के खिलाफ नहीं हुई कोई कार्रवाई 
फतेहाबाद आबकारी एवं कराधान विभाग द्वारा फरवरी 2018 में एक फर्म के खिलाफ  मामला दर्ज किया गया। फर्म का नाम था एम.एस. न्यू इंडिया इंटरप्राइजेज फतेहाबाद डीलर का नाम था हवा सिंह। इस फर्म का जो जी.एस.टी. रजिस्ट्रेशन में एड्रैस दिया गया था। वह फर्जी निकला जो मोबाइल नंबर दिया गया था वह भी गलत था। इस फर्म ने लगभग 18 करोड़ के फर्जी बोगस जी.एस.टी. बिल बनाकर लगभग 2 करोड़ रुपए राजस्व को चूना लगाया था।

इसके बाद वी.डी.एस.टी. फतेहाबाद, एमिंट वैल्यूएशन मार्कीटिंग प्राइवेट लिमिटेड, हरिओम कॉटन फैक्टरी साई ट्रेङ्क्षडग कंपनी, मनीष कॉटन इंडस्ट्री, गोपीराम इंडस्ट्री फतेहाबाद, डी.एस. ट्रेडर्स फतेहाबाद, एम.एस. दरिया एग्रो इंडस्ट्री भूना, एम.एस. महावीर इंटरप्राइजेज भूना, एम.एस. प्राइस पैराडाइज इंटरप्राइजेज भूना, एम.एस. ओसवाल ट्रेडर्स रतिया, कक्कड़ राइस मिल रतिया, ओमकार ट्रेडिंग कंपनी रतिया, इंटरप्राइजेज टोहाना, एम.एस. सहज कंपनी टोहाना, बजरंग एग्रो फूड फतेहाबाद सहित कुल 17 फर्जी कंपनियों ने 2500 करोड़ से अधिक का घोटाला किया, जिसमें करीब 13 करोड़ रुपए का राजस्व को चूना लगाया गया। इन कंपनियों के खिलाफ  जब आबकारी एवं कराधान विभाग फतेहाबाद ने जांच शुरू की तो किसी का पता स्थाई नहीं मिला।

किसी रिक्शे वाले के नाम या  किसी रेहड़ी वाले के नाम के पते मिले और जो मोबाइल नंबर दर्शाए गए थे वह नंबर भी गलत मिले। आबकारी एवं कराधान विभाग ने इन कंपनियों के खिलाफ बाकायदा एफ .आई. आर. दर्ज. करवाई और सरकार को इनके खिलाफ  कार्रवाई के लिए लिखा गया, लेकिन हैरानी की बात यह है कि लम्बा समय बीत जाने के बाद इतने बड़े घोटाले में जांच ज्यों की त्यों है, किसी भी आरोपी के खिलाफ  कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

स्टेट क्राइम ब्रांच के पास है यह मामला
जी.एस.टी. बोगस बिल घोटाले की जांच स्टेट क्राइम ब्रांच के पास है। स्टेट क्राइम ब्रांच के डी.जी.पी. खुद इस मामले को देख रहे हैं। अभी तक इस मामले का कोई भी खुलासा नहीं हुआ है और न ही किसी आरोपी के खिलाफ  कोई कार्रवाई हुई है।

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