एक ऐसा अनोखा बैंक जहां नोट की जगह मिलती है रोटी

Edited By Updated: 07 Mar, 2016 01:27 PM

roti bank

बैंकों से हम पैसों का लेन-देन करते हैं लेकिन क्या कभी सुना है कि कोई बैंक आपकी भूख मिटाए। नहीं सुना न लेकिन आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि हरियाणा के फरीदाबाद में एक ऐसा बैंक है जो पैसे नहीं खाने के लिए रोटी देता है।

फरीदाबाद: बैंकों से हम पैसों का लेन-देन करते हैं लेकिन क्या कभी सुना है कि कोई बैंक आपकी भूख मिटाए। नहीं सुना न लेकिन आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि हरियाणा के फरीदाबाद में एक ऐसा बैंक है जो पैसे नहीं खाने के लिए रोटी देता है। इस बैंक को चला रही संस्था का उद्देश्य है कि शहर के गरीब, बेसहारा, अनाथ व लाचार लोगों को रोटी मिल सके ताकि उनकी भूख मिट सके। इस बैंक की शहर में खूब चर्चा है। गरीब व बुजुर्गों के लिए यह रोटी बैंक एक बड़ा सहारा बन गया है, जो उन्हें दो वक्त की रोटी दे रहा है।

इस रोटी बैंक से जहां लोगों की भूख मिट रही है वहीं भिखारियों की गिनती में भी कमी आने लगी है। महावीर इंटरनैशनल संस्था के सेक्रेट्री 70 वर्षीय अजीत पटवा ने बताया कि जब वे स्टेशन और बस अड्डे की तरफ जाते तो बुजुर्गों और बच्चों को भीख मांगते देख व भूखे पेट की दुहाई देते हुए देख बहुत दुख होता था। उन्होंने कहा कि तब मन में आता था कि कैसे इनकी भूख मिटाई जाए।

साल तक ऐसे ही विचार करते रहे और एक दिन उन्होंने इस बारे में अपनी संस्था के पदाधिकारियों से बात की तो सभी ने कहा कि तुम अब बुढ़े हो चुके हो और इस काम के लिए युवा वालंटियर्स की जरूरत है। फिर ऐसे युवाओं की टीम तैयार की और आखिरकार 26 जनवरी 2016 को रोटी बैंक की शुरुआत की। इस सेवा पर हर माह करीब एक लाख रुपए खर्च होते हैं। अजीत पटवा ने बताया कि अभी रोटी बैंक के जरिए रोज 100 लोगों को खाना खिलाया जा रहा है। रोटी बैंक दशहरा मैदान के पास चलाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि वे रोटी बैंक के लिए एक निर्धारित स्थान ढूंढ रहे हैं, लेकिन जब तक स्थान नहीं मिलता तब तक सात-सात दिन बदलकर अलग-अलग सार्वजनिक जगहों पर रोटी बैंक चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि रोटी बैंक के जरिए एक बड़े आदमी को चार रोटी और सब्जी देते हैं। बच्चे को दो रोटी और सब्जी। इनकी संख्या बढ़ भी रही है। अभी रोटी बैंक दशहरा मैदान के पास चलाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि वे रोटी बैंक के लिए एक निर्धारित स्थान ढूंढ रहे हैं, लेकिन जब तक स्थान नहीं मिलता तब तक सात-सात दिन बदलकर अलग-अलग सार्वजनिक जगहों पर रोटी बैंक चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि रोटी बैंक के जरिए एक बड़े आदमी को चार रोटी और सब्जी देते हैं। बच्चे को दो रोटी और सब्जी। संस्था के चेयरमैन व रोटी बैंक के लिए काम करने वाले सुशील कुमार जैन ने बताया कि जिन लोगों को खाना दिया जाता है उनका पूरा ब्यौरा पहले जांचा जाता है ताकि कोई गलत फायदा न उठा ले।

वहीं उन्होंने बताया कि कई बार दूसरे लोग प्रसाद समझ कर लाइन में लग जाते हैं तो उन्हें बताया जाता है कि ये सिर्फ जरूरतमंद लोगों के लिए है जिन्हें भरपेट खाना नहीं मिल पाता है। ये सुन कर लोग लाइन से हट जाते हैं और इस रोटी बैंक की सराहना करते हैं।

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