सरकार की आंख में धूल झोंक बनाई लाभार्थियों की सूची

Edited By Deepak Paul, Updated: 13 Dec, 2018 12:11 PM

list of beneficiaries created in the eye of government

लचर सरकारी व्यवस्था की आंख में धूल झौंक कर वर्ष 2011 में फरीदाबाद में हुए सामाजिक, धार्मिक एवं जाति सर्वे का दंश जरूरतमंदों का हक छीन रहा है। केन्द्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना में सरकार ने शहर के 1.34 लाख गरीबी रेखा से नीचे वाले परिवारों को 5 लाख...

फरीदाबाद(सुधीर राघव): लचर सरकारी व्यवस्था की आंख में धूल झौंक कर वर्ष 2011 में फरीदाबाद में हुए सामाजिक, धार्मिक एवं जाति सर्वे का दंश जरूरतमंदों का हक छीन रहा है। केन्द्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना में सरकार ने शहर के 1.34 लाख गरीबी रेखा से नीचे वाले परिवारों को 5 लाख रुपए मुफ्त स्वास्थ्य बीमा देने का प्रावधान किया है। लेकिन इस योजना में कांग्रेस के पूर्व मंत्री एसी चौधरी और उनके आस पड़ौस के धन सम्पन्न परिवारों के नाम जुड़े होने से गरीब लोगों का हक मारा जा रहा है ऐसे गरीब परिवार भी हैं जो योजना में नाम नहीं होने के चलते अपना नाम जुड़वाने के लिए सीएमओ दफ्तर के चक्कर काट रहे है और गिड़गिड़ाने को मजबूर है। इसके बावजूद भी जरूरतमंदों का नाम सूची में शामिल नहीं है।

दो वक्त की रोटी को तरसने वाली 70 साल की जम्बुबती मंगलवार को सीएमओ कार्यालय के बाहर कस्तूरबा सेवा सदन विधवा आश्रम के नाम का एक पत्र लेकर बिलखती रही। वह सीएमओ ऑफिस के बाहर खड़े डोर मेन को कहती रही की बस एक बार सीएमओ से मिलवा दो। पंजाब केसरी संवाददाता के पुछे जाने पर उसने बताया कि वह बल्लभगढ़ के राजीव कॉलोनी में किराए के मकान में रहती है। उसकी तीन बेटियां हैं लेकिन उन सभी की शादी महिला ने करवा दी अब महिला बेघर है। बेटियों पर निर्भर महिला को बेटी और दामाद ने घर से निकाल दिया, ऐसे में वृद्धा दो वक्त के खाने के साथ इलाज को भी तरस रही है।

क्या मैं गरीब नहीं हूं सीएमओ डॉ. बीरसिंह सहरावत से वृद्धा ने कहा कि क्या वह गरीब नहीं है.. जो उसका नाम आयुष्मान भारत की सूची में नहीं है। इस बात का जवाब सीएमओ के पास नहीं था। हालांकि सीएमओ ने महिला की आपबीती सुनी और उसे सरकारी अस्पताल में मुफ्त इलाज करवाने का भरोसा दिलवाया। लेकिन महिला इस बात पर अड़ी थी कि उसे आयुष्मान भारत योजना में ही इलाज करवाना है।

वृद्धा ने सीएमओ को बताया कि बेटियों के यहां से निकाले जाने के बाद उसे कस्तूरबा सेवा सदन विधवा आश्रम में सहारा मिला लेकिन उसे यह कहकर वहां से निकाल दिया कि वहां भी बिल्डिंग का काम होना है। इसलिए बिल्डिंग तोड़ी जा रही है, महिला के साथ अन्य महिलाओं को भी संस्था ने निकाल दिया। जिसकी वजह से वह किराए पर रहने को मजबूर हुई। अब 1800 रुपए वृद्धा पेंशन में से 1500 रुपए किराए के देने के बाद वह 300 रुपए में कैसे खाना खाएं और अपने दांतों व आंखों का इलाज कैसे करवाए।
 

केंद्र सरकार पर बरसे पूर्व मंत्री प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना आयुष्मान भारत में कांग्रेस के पूर्व मंत्री एसी चौधरी का नाम योजना के लाभार्थियों की सूची में शामिल होने पर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए इस मुद्दे पर कोर्ट में जाने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा सरकार झूठ कहती है कि उसने कोई सर्वे करवाया। ऐसा कोई सर्वे हुआ ही नहीं जो कांग्रेस के समय का सर्वे है वह अन्य किसी योजना के लिए था। ऐसे सक्षम परिवारों के नाम योजना में जोड़कर हमें बदनाम किया जा रहा है। सही मानयों में मुफ्त इलाज के हकदार गरीब ही हैं।

यह मिल रही हैं त्रुटियां आयुष्मान भारत योजना का गोल्र्डन कार्ड बनवाने अस्पताल पहुंच रहे पात्र परिवारों के मुखियाओं का कहना है कि योजना में जारी किए गए कार्ड में नाम तो मुखिया का ही है लेकिन परिवार के अन्य सदस्यों का ब्यौरा गलत है। राशन कार्ड के नम्बर एक हैं लेकिन कई जगह मुखिया का नाम ही गलत कर रखा है।

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