Edited By Rakhi Yadav, Updated: 16 Jul, 2018 08:23 AM
फरीदाबाद मण्डल में मानसून की बेरूखी ने किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच रखी है। जिले में 2 जुलाई को मानसून की पहली बारिश हुई। आस बंधी थी कि अब तो झमाझम होगी, लेकिन मानसून सक्रिय ....
फरीदाबाद(सुधीर राघव): फरीदाबाद मण्डल में मानसून की बेरूखी ने किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच रखी है। जिले में 2 जुलाई को मानसून की पहली बारिश हुई। आस बंधी थी कि अब तो झमाझम होगी, लेकिन मानसून सक्रिय होने के बाद एक पखवाड़ा गुजरने के बावजूद अबतक मूसलाधार बरसात नहीं हुई। अब शनिवार और रविवार (14 व 15 जुलाई)को ही महज आधा-आधा घंटे हल्की बारिश हुई। रोजाना बादल छा रहे और हवा के साथ छंट रहे हैं।
पहली बारिश होते ही किसानों ने खेतों में खरीफ की फसल धान, गेंहू की बुवाई की है एक माह बाद ४वार, बाजरा, उड़द, मूंग और मक्का की बुवाई होगी। गेंहू का बीज उग तो आया, लेकिन बरसात नहीं होने व तेज धूप के चलते अंकुरित बीज कुम्हला रहा है। खेतों की नमी सूखने से बीज उगा तक नहीं। धान की पौध सूख रही है, धान को पानी को तरस रहा है। किसानों के अनुसार धान की खेती में अधिक पानी की जाती है। इंद्रदेव को मनाने के लिए फरीदाबाद मण्डल के गांव-गांव ढ़ाणियों में किसान परम्परागत आयोजनों में जुटे हैं। कहीं गांव के बाहर सामूहिक भोजन हो रहा है, तो कहीं देवी-देवताओं की पूजा अर्चना की जा रही है। कहीं कहीं रोपाई के लिए किसान पानी उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं।
बिजली और ट्यूबवैल के भरोसे हैं किसान
फरीदाबाद खण्ड में किसान बिजली और ट्यूबवैल के भरोसे हैं। सरकारी वायदे के हिसाब से किसानों को 24 घंटे बिजली नहीं मिल रही है। किसानों को 8 से 10 घंटे बिजली से ही संतोष करना पड़ रहा है।
गड़बड़ाया पूर्वानुमान : पहले घोषित किया कि 29 जून के बाद मानसून सक्रिय होगा, लेकिन फरीदाबाद मण्डल में मानसून की पहली बारिश 3 दिन देरी से 2 जुलाई को ही। लेकिन वह भी डेढ़ घंटे बरसकर बंद हो गई। लगा था कि अब मानसून पूरी तरह से आ गया है। फिर अर्लट जारी कर कहा गया कि 48 घंटों में दिल्ली एनसीआर समेत 12 राज्यों में मूसलाधार बारिश की चेतावनी दी गई। लेकिन एक पखवाड़े तक लोग बारिश को तरस गए। फिर घोषणा हुई कि 11 से 13 जुलाई तक तेज बारिश होगी। लेकिन वहां भी मौसम विभाग फेल रहा और 14 व 15 जुलाई को ही एक-एक घंटे हल्की बारिश से ही औद्योगिक नगरी के लोगों को संतोष करना पड़ा।