Edited By Updated: 21 May, 2017 11:08 AM
सोलन शहर से करीब 7 किलोमीटर की दूरी पर भवननिर्माण कला का बेजोड़ नमूना जटोली मंदिर
सोलन शहर से करीब 7 किलोमीटर की दूरी पर भवननिर्माण कला का बेजोड़ नमूना जटोली मंदिर स्थित है। इसे एशिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर माना जाता है। यहां शिवरात्रि को भारी संख्या में शिव भक्त आते हैं। यह शिव मंदिर दक्षिण-द्रविड शैली से बना हुआ है। मंदिर को बनने के लिए करीब 39 साल का समय लगा है।
माना जाता है कि पौराणिक समय में भगवान शिव यहां आए थे अौर कुछ समय के लिए यहां पर रुके भी थे। बाद में बाद में एक सिद्ध बाबा स्वामी कृष्णानंद परमहंस ने यहां आकर तपस्या की। उनके मार्गदर्शन और दिशा-निर्देश पर ही जटोली शिव मंदिर का निर्माण शुरू हुआ। मंदिर के कोने में स्वामी कृष्णानंद की गुफा भा है। यहां पर शिव लिंग स्थापित किया गया है। मंदिर का गुंबद 111 फीट ऊंचा है। इसी कारण ये एशिया का सबसे ऊंचा मंदिर है।
मंदिर कमेटी की अोर से यहां पर महाशिवरात्रि को बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। कार्यक्रम पूरी रात चलता है। भोलेनाथ के दर्शनों हेतु भक्त दूर-दूर से यहां आते हैं। मंदिर में हर रविवार को भंडारा लगता है।