वर्षों से प्यासे ग्रामीणों ने मतदान का किया बहिष्कार

Edited By kamal, Updated: 13 May, 2019 09:28 AM

villagers have boycotted voting for years

पिछले कई वर्षों से पेयजल किल्लत से परेशान गांव दातौली के ग्रामीणों ने रविवार को लोकसभा चुनाव का बहिष्कार...

चरखी दादरी(पंकेस): पिछले कई वर्षों से पेयजल किल्लत से परेशान गांव दातौली के ग्रामीणों ने रविवार को लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर दिया। ग्रामीणों ने प्रशासन व सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक उनके खाली पड़े जलघर में पानी नहीं पहुंचेगा वे किसी भी सूरत में वोट नहीं डालेंगे। मतदान बायकॉट की सूचना मिलते ही बाढड़ा एस.डी.एम. वीरेंद्र सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे।

उन्होंने नाराज ग्रामीणों को मनाने का भरसक प्रयास किया। लेकिन ग्रामीण किसी भी तरह से सहमत नहीं हुए। इसके बाद गांव के सरपंच से प्रदेश सरकार ने भी फोन पर सम्पर्क किया, लेकिन बात सिरे नहीं चढ़ सकी। चुनाव के दिन एक भी वोटर न आने से पोलिंग पार्टी दिनभर मतदाताओं का इंतजार करती रही।

35 वर्षों से व्याप्त है समस्या
रविवार को लोकसभा चुनाव का बायकॉट कर रहे गांव के सरपंच दयानंद व अन्य मौजिज ग्रामीणों ने बताया कि उनके यहां पिछले साढ़े 3 दशक से जलघर में सूखा पड़ा है। काफी समय पहले बधवाना माइनर से जलघर में पानी डाला जाता था, मगर अब माइनर में पानी नहीं आता। गांव के जोहड़ भी सूखे पड़े हैं। मवेशियों के लिए पानी नहीं है। जमीन का पानी खारा होने के कारण पीने योग्य नहीं है। ऐसे में ग्रामीणों को प्यास बुझाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है।

महिलाएं अन्य घरेलू काम छोड़कर पूरा दिन ढोने में लगी रहती है। समस्या से निजात पाने के लिए ग्रामीण लम्बे अरसे से प्रशासन व सरकार को जलघर का कनैक्शन सतनाली फीडर से जोडऩे की गुहार लगा चुके हैं। ग्रामीणों ने कहा कि सभी पार्टियों के नेता चुनाव में वोट जरूर हथिया लेते हैं, मगर उसके बाद गांव की सार्वजनिक समस्या की तरफ कोई ध्यान नहीं जाता। 

पंचायत में लिया था फैसला
सरपंच ने बताया कि गांव में 3 दिन पहले मौजिल लोगों की पंचायत में लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का फैसला लिया था। इस फैसले को ग्रामीणों ने मंजूर किया है। सरपंच ने बताया कि दातौली गांव के किसी भी बूथ पर एक भी वोट नहीं डाला गया।

सूखे जलघर में बच्चे खेल रहे थे क्रिकेट
चुनाव बहिष्कार की सूचना के बाद बाढड़ा एस.डी.एम. डा. वीरेंद्र सिंह दातौली गांव में पहुंचे। एस.डी.एम. को ग्रामीणों ने बताया कि पानी किल्लत को लेकर चुनाव का बहिष्कार किया गया है। इसके बाद एस.डी.एम. ने जलघर का निरीक्षण किया। जहां सूखे जलघर में बच्चे क्रिकेट खेल रहे थे। जिसके बाद अधिकारी ने जल्द ही समस्या का समाधान करवाने का आश्वासन दिया। उन्होंने चुनाव के बाद जलघर की पाइप लाइन का कनैक्शन सतनाली फीडर से करवाने का आश्वासन दिया। मगर ग्रामीण उनके आश्वासन से संतुष्ट नहीं हुए।
  
सी.एम. से वार्ता के बाद भी नहीं हुआ समाधान
चुनाव बहिष्कार की सूचना सी.एम. मनोहर लाल तक पहुंच गई। सी.एम. ने फोन पर सरपंच से बात की तथा आश्वासन दिया कि आचार संहिता हटने के तुरंत बाद पानी की समस्या का स्थायी हल निकाल दिया जाएगा। सरपंच ने जब ग्रामीणों को सी.एम. से हुई वार्ता बारे बताया, लेकिन ग्रामीण वोट डालने को तैयार नहीं हुए।

10 दिन पहले सौंपा था ज्ञापन
दातौली गांव के ग्रामीणों ने करीबन 10 दिन पहले प्रशासन को ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन में पेयजल समस्या के समाधान की गुहार लगाई गई थी तथा ग्रामीणों ने अल्टीमेटम दिया था कि अगर समाधान नहीं हुआ तो लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा।

साहब आप का तबादला हो गया तो हम क्या करेंगे
रविवार को ग्रामीणों के बीच पहुंचे बाढड़ा एस.डी.एम. वीरेंद्र ने ग्रामीणों को चुनाव के बाद उनकी समस्या का हर तरीके से समाधान करने का  आश्वासन दिया। लेकिन बार-बार अधिकारियों से गुहार लगा चुके ग्रामीणों को उनकी बात पर संशय जाहिर करते हुए कहा कि साहब आज आप आश्वासन देकर जा रहे हैं लेकिन कल आपका  तबादला हो गया तो हम कहां जाएंगे। इस बात का जवाब हमें सरकार दे तो बेहतर होगा।

एक हजार वोट हैं गांव में गांव के सरपंच दयानंद ने बताया कि उनके गांव में करीब एक हजार वोट हैं। इस राष्ट्रीय पर्व में वे सभी भी अपना योगदान देना चाहते थे, लेकिन हर बार सिर्फ वोट की राजनीति करना उन्हें किसी भी तरह से गंवारा नहीं हुआ। जब जन समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा तो हम क्यूं किसी उम्मीदवार को वोट दें।

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