छात्र संघों के चुनाव डायरैक्ट होने चाहिए

Edited By Rakhi Yadav, Updated: 10 Aug, 2018 10:43 AM

students  associations should have direct election

ग्रीन ब्रिगेड के संस्थापक, पूर्व केंद्रीय मंत्री व वर्तमान में निर्दलीय विधायक जयप्रकाश ने कहा कि ग्रीन ब्रिगेड की स्थापना 1988 में हुई जब विश्वनाथ प्रताप तत्कालीन प्रधानमंत्री इलाहबाद के फूलपुरा में.....

चंडीगढ़: ग्रीन ब्रिगेड के संस्थापक, पूर्व केंद्रीय मंत्री व वर्तमान में निर्दलीय विधायक जयप्रकाश ने कहा कि ग्रीन ब्रिगेड की स्थापना 1988 में हुई जब विश्वनाथ प्रताप तत्कालीन प्रधानमंत्री इलाहबाद के फूलपुरा में चुनाव प्रचार के लिए आए तब सैंकड़ों युवाओं और कार्यकर्ताओं ने अपनी पहचान के लिए हरे रंग की पैंट-शर्ट पहनी थीं। उस वक्त किसी पत्रिका ने इसकी तुलना मऊ की रैड ब्रिगेड से की थी। बाद में पार्टी चुनाव जीत गई जिसके लिए मुझे सम्मानित किया गया। इससे मेरे कद में काफी इजाफा हुआ, जिसको लेकर प्रतिद्वंद्वियों और मेरी ही पार्टी के लोगो में ईष्र्या की भावना पैदा हो गई, जिसके कारण ग्रीन ब्रिगेड को बदनाम किया गया। ग्रीन ब्रिगेड ने काफी सराहनीय कार्य किए। जयप्रकाश ने कहा कि अगर हमने कोई ड्रैस बना दी तो इसमें क्या गलत है। 
पंजाब केसरी के चंडीगढ़ प्रतिनिधि चंद्रशेखर धरणी से एक्सक्ल्यूसिव बातचीत में उन्होंने कहा कि छात्र संघों के चुनाव डायरैक्ट होने चाहिएं। इस मुद्दे को वह विधानसभा सत्र में प्रमुखता से उठाएंगे।

 प्रश्न : 17 अगस्त से होने वाले विधानसभा सत्र में कौन से मुद्दे आपकी ओर से उठाए जाएंगे। 
उत्तर -आज के समय में बेरोजगारी सबसे अहम् मुद्दा है सरकार आऊटसोर्सिंग के नाम पर युवाओं पर अत्याचार व शोषण कर रही है। सरकार ने मैरिट के आधार पर नौकरी देने का वायदा किया था लेकिन ठेकेदार बेरोजगार युवाओं से लाखों रुपए ठग लेते हैं मैं इसके पुख्ता सबूत सदन में पेश करूंगाा।  आगामी विधानसभा सत्र में बेरोजगारी और आऊटसोर्सिंग के कारण युवाओं के साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ भी विधान सभा में तथ्यों के साथ आवाज उठाई जाएगी। 

प्रश्न : पिहोवा की ऑडियो काफी वायरल हुई क्या आपके संज्ञान में है। 
उत्तर - पिहोवा की ऑडियो मेरे संज्ञान में नहीं है।

प्रश्न : आपके विधानसभा क्षेत्र कलायत में जाट बहुसंख्यक हैं ऐसे में सबकी नजरें जाट वोट बैंक की तरफ होंगी आप इसे किस तरह देखते हैं 
उत्तर -कलायत में जाट बहुसंख्यक लेकिन वहां अन्य जातियों के लोग भी हैं और कोई एक जाति विशेष एम.एल.ए. या एम.पी. नहीं बनाती बल्कि सभी के साथ की आवश्यकता होती है। विरोधियों पर तंज कसते हुए जयप्रकाश ने कहा कि हरियाणा में जातिवाद की राजनीति नहीं है कुछ ऐसे लोग हैं जिनका कोई जनाधार नहीं है केवल वही इस तरह की राजनीति करते हैं। हरियाणा में मतदाता उम्मीदवार के आचरण और व्यव्हार को देखकर मत देंगे न की उसकी जाति को देखकर। 

प्रश्न : हरियाणा सरकार ने छात्रसंघ चुनाव को हरी झंडी देदी है आप एक छात्रनेता रहे हैं, इस नाते आप प्रत्यक्ष चुनाव के हक में है या अप्रत्यक्ष चुनाव के? 
उत्तर - मैं पूर्ण रूप से प्रत्यक्ष चुनाव के पक्ष में हूं। जब मुख्यमंत्री चौ.बंसीलाल ने छात्र चुनाव बंद किए तब हमने हिसार और जींद में इसका विरोध भी किया था। अगर छात्र संघ के चुनाव नहीं होंगे तो नई लीडरशिप को आगे आने का मौका ही नहीं मिलेगा। आज हरियाणा में सीटें कुछ राजनीतिक परिवारों के लिए आरक्षित हैं। युवा और योग्य नेता जो छात्रसंघ के चुनावों से उभर कर सामने आते थे उन्हें मौका नहीं दिया जा रहा। छात्र संघ चुनावों से मूल्यवान नेतृत्व आप परिवारों से निकलकर राजनीति में आएगा इसके लिए प्रत्यक्ष चुनाव होने जरुरी है। प्रत्यक्ष चुनावों का मामला मेरी तरफ से विधानसभा में भी उठाया जाएगा।  

प्रश्न : एस.वाई.एल. को लेकर इनैलो ने 18 अगस्त को हरियाणा बंद का ऐलान किया है इस पर आपके क्या विचार है? 
उत्तर - एस.वाई.एल. का मुद्दा अब पुराना हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला हरियाणा के हक में दिया है। इसलिए सभी पाॢटयों को प्रधानमंत्री से मिलकर इसको लागू करवाना चाहिए। जयप्रकाश ने बताया कि लखवार ब्यासी रेणुका डैम को भी जल्द से जल्द बनवा लेना चाहिए जिसके लिए वर्तमान और पूर्व की सरकार राशि जमा करवा चुकी है। जयप्रकाश ने कहा कि इसके लिए भी प्रधानमंत्री और वॉटर एंड रिसोर्स मिनिस्टर से मिलकर इसे जल्द से जल्द पूर्ण करवाया जाए और एस.वाई.एल. के मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। जयप्रकाश ने कहा कि जो एस.वाई.एल. पर राजनीति करेगा जनता उसे स्वीकार नहीं करेगी।

प्रश्न : आप लगभग सभी दलों की राजनीति कर चुके हैं। इसबार आप निर्दलीय लड़े  लेकिन आने वाले समय में आप किस पार्टी की ओर जाने के संकेत दे रहे हैं। 
उत्तर - आज हरियाणा की तीनों बड़ी पाॢटयों में कलह है, जिसको लेकर कलायत का मतदाता असमंजस्य की स्थिति में है। अभी हमारी तरफ से सभी पत्ते खुल्ले हैं आने वाले समय में इसका निर्णय किया जाएगा की किस पार्टी का रुख किया जाएगा या आजाद उम्मीदवार के तौर पर लड़ा जाएगा।

प्रश्न : रणदीप सुर्जेवाला के साथ आप मंच सांझा करने जा रहे हैं, ऐसी चर्चाएं हैं इस पर आपका क्या कहना है?
उत्तर - एक मंच का कोई कार्यक्रम नहीं है बल्कि बार काऊंसिङ्क्षलग के कार्यक्रम में आने का मुझे न्यौता मिला है वहीं रणदीप सुर्जेवाला भी आने वाले हैं इसमें मुझे कोई आपत्ति नहीं है। इकट्ठे बैठने में कोई समस्या नहीं है इसलिए मैं जरूर जाऊंगा। 

प्रश्न : चुनावों में टिकट की बिक्री को बंद करने को लेकर अशोक तंवर और भूपेंद्र सिंह हुड्डा एक सुर में बोल रहे हैं आपकी क्या टिप्पणी है? 
उत्तर -मैंने 20 साल कांग्रेस में राजनीति की है हालांकि अब नहीं कर रहा हूं, लेकिन मैंने कभी इस तरह की खबरें नहीं सुनीं कि कांग्रेस में टिकट बिकती हैं। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पी.सी.सी. प्रैजहडैंट थे उसके बाद मैंने कभी इस तरह की खबरें नहीं सुनीं इस समय क्या हो रहा है इसका जवाब वही बेहतर दे सकते हैं। 
 


 


 

 

 

 

 

 
 

 
 

 

 
 
 

 

 


 


 

 

 


 
 

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