दुकानदारों को नहीं मिल पा रहा मालिकाना

Edited By Deepak Paul, Updated: 17 Jan, 2019 12:05 PM

shopkeepers can not find ownership

प्रदेश सरकार ने करीब एक साल पहले यह घोषणा की थी कि प्रदेश में जो दुकानदार पिछले 20 साल या उससे अधिक साल से नगर परिषद, नगर पालिका या नगर निगम की दुकानों पर किराएदार के रूप में काबिज हैं...

भिवानी(मोटू): प्रदेश सरकार ने करीब एक साल पहले यह घोषणा की थी कि प्रदेश में जो दुकानदार पिछले 20 साल या उससे अधिक साल से नगर परिषद, नगर पालिका या नगर निगम की दुकानों पर किराएदार के रूप में काबिज हैं वे दुकानदार सरकार द्वारा निर्धारित राशि जमा करा उन दुकानों को अपने नाम करा सकते हैं। इस बारे में पिछले साल 6 अगस्त को हरियाणा सरकार के शहरी स्थानीय निकाय के संयुक्त सचिव ने सरकार की घोषणा का हवाला देते हुए प्रदेश के सभी डी.सी., नगर निगम आयुक्तों, कार्यकारी अधिकारियों, नगर परिषद के सचिवों और नगर पालिकाओं को एक पत्र जारी किया था। इस पत्र में उन्होंने सरकार की घोषणा का हवाला देते हुए इस तरह के पात्र दुकानदारों से आवेदन मांग उन्हें उनकी दुकानों का मालिकाना हक देने के आदेश जारी किए थे।

शहर में इस तरह के हैं 126 दुकानदार

दूसरी ओर देखा जाए तो सरकार की इन शर्तों को पूरा करने वाले 126 दुकानदार हैं जो नगर परिषद की दुकानों पर 20 या उससे अधिक साल से काबिज हैं। मगर इन दुकानदारों की फाइलों के कंप्लीट होने के बावजूद यहां के अधिकारियों द्वारा ही ऑब्जैक्शन लगने शुरू हो गए तो दुकानदारों ने कुछ दिन तो उन ऑब्जैक्शन को पूरा करने का प्रयास किया।

मगर जब अधिकारियों ने इस तरह के दुकानदारों की फाइलों पर फिर किसी न किसी तरह का ऑब्जैक्शन लगाना शुरू कर दिया तो यहां के ये दुकानदार इस मामले में चुप बैठ गए। इस बारे में कुछ दुकानदारों ने बताया कि यहां के अधिकारी खुलकर यह बताने को तैयार नहीं कि आखिर क्या माजरा है। इसलिए उन्होंने इस दिशा में अपना रूख ही मोड़ लिया और अब वे यहां के अधिकारियों की मनमानी के चलते चुप बैठ गए हैं।

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