जजपा ने जींद उपचुनाव की खामियों को अफसरों के समक्ष रखा

Edited By Deepak Paul, Updated: 08 Feb, 2019 11:13 AM

jjp kept the flaws of jinde bypoll in front of the officers

लोकसभा चुनाव को लेकर वीरवार को राज्य चुनाव अधिकारी की ओर से बुलाई गई राजनीतिक दलों की बैठक में विपक्षी दलों ने अलग-अलग सुझाव रखे। जननायक जनता पार्टी ने जहां जींद उपचुनाव में सत्तापक्ष पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया, वहीं कांग्रेस ने बैलेट...

चंडीगढ़(पांडेय): लोकसभा चुनाव को लेकर वीरवार को राज्य चुनाव अधिकारी की ओर से बुलाई गई राजनीतिक दलों की बैठक में विपक्षी दलों ने अलग-अलग सुझाव रखे। जननायक जनता पार्टी ने जहां जींद उपचुनाव में सत्तापक्ष पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया, वहीं कांग्रेस ने बैलेट पेपर से चुनाव करवाने के साथ ही कई तरह के सुझाव दिए।जजपा ने कहा कि जींद उपचुनाव से पहले बी.जे.पी. सरकार ने आचार संहिता के दौरान ग्रुप-डी का रिजल्ट निकाल कर फायदा उठाने की कोशिश की, जो कि एकदम गलत था। सरकार को ये रिजल्ट चुनाव के बाद घोषित करना था।

जींद उपचुनाव से ठीक एक दिन पहले बी.जे.पी. सरकार ने 26 जनवरी को छुट्टी होते हुए भी दिल्ली के एक समाचार पत्र में विज्ञापन आधारित खबरें प्रकाशित करवाईं और उन अखबारों को फ्री में घर-घर तक बंटवाया। जींद उपचुनाव के दौरान सरकार ने प्रशासन की मिलीभगत से शहर में होॄडग लगाने को लेकर भेदभाव किया। सरकार ने अन्य राजनीतिक दलों के होॄडगों को चुनाव प्रचार थमने से पहले ही उतार दिया था, जबकि बी.जे.पी. के होॄडग्स शहर में जगह-जगह लगे हुए थे। मांग की गई कि लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेशभर में जिला स्तर के कर्मचारियों और अधिकारियों को बदला जाए। कोई भी अधिकारी व कर्मचारी अपने गृह जिले में नियुक्त नहीं रहना चाहिए। साथ ही चुनाव आयोग चुनाव से पहले ई.वी.एम. की चैकिंग करवाए। बूथ वाइज 5 से 10 प्रतिशत वोटिंग मशीनों को चैक किया जाए और सभी राजनीतिक दलों को दिखाकर उन्हें संतुष्ट किया जाए। प्रदेश की सभी 90 विधानसभा सीटों पर एक बार चुनाव आयोग डमी के तौर पर वोटिंग करके दिखाए, ताकि ई.वी.एम. के प्रति राजनीतिक दलों का विश्वास बढ़े। ई.वी.एम. से निकलने वाली पॢचयों पर टेली होनी चाहिए और जो-जो मांगें हैं, वो चुनाव से पहले आयोग गौर करते हुए पूरी करे।

कांग्रेस ने बैलेट पेपर से चुनाव की मांग उठाई 
इस बैठक में हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष तरुण भंडारी ने कहा कि चुनाव बैलेट पेपर से होने चाहिए। अगर समय की कमी की वजह से ऐसा संभव न हो तो चुनाव में उपयोग होने वाली टच मशीनों में से प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कम से कम 20 प्रतिशत टच मशीनों के क्रमांक कर्म रहित मिलान किए जाएं, ताकि यह प्रक्रिया सुचारू और निष्पक्ष रूप से संपन्न हो सके। उन्होंने कहा कि आमतौर पर देखने में आता है कि प्रदेश में जो पार्टी सत्तासीन होती है, चुनाव के समय वह पार्टी मशीनरी का दुरुपयोग करके अपने विपक्षी दलों के होॄडग्स व बैनर उतरवाने का काम करती है। 
 

इस संबंध में भी स्पष्ट आदेश जारी किए जाएं। भंडारी ने कहा कि चुनाव के समय सरकार द्वारा किसी भी प्रकार की वेकैंसी निकालना या सरकारी नौकरियों के परिणाम जारी करना, लुभावने वायदे करना आदर्श चुनाव संहिता की उल्लंघना है। इस विषय में भी विशेष ध्यान दिया जाए।

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