विदेश जाने की चाहत में लुट रहे लोग, प्रशासन मौन

Edited By Shivam, Updated: 14 Mar, 2019 04:03 PM

people who want to go abroad get robbed

विदेश भेजने के नाम पर युवाओं से ठगी रुकने का नाम नहीं ले रही। जिला पुलिस के अलग-अलग थानों में हर रोज मामले दर्ज हो रहे हैं। इसके अलावा स्टाफ भी मामलों की जांच कर रहे हैं। इतना ही नहीं युवाओं को अच्छे खासे करियर के सपने दिखाकर लाखों रुपए ऐंठे जा रहे...

यमुनानगर (सतीश): विदेश भेजने के नाम पर युवाओं से ठगी रुकने का नाम नहीं ले रही। जिला पुलिस के अलग-अलग थानों में हर रोज मामले दर्ज हो रहे हैं। इसके अलावा स्टाफ भी मामलों की जांच कर रहे हैं। इतना ही नहीं युवाओं को अच्छे खासे करियर के सपने दिखाकर लाखों रुपए ऐंठे जा रहे हैं। विदेश न जाने पर जब वे अपना पैसा वापस मांगते हैं तो उन्हें जान से मारने की धमकियां दी जाती हैं। इतना ही नहीं इससे पहले उन्हें चंडीगढ़ दिल्ली स्थित एजैंट कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। निराशा हाथ लगने पर वे पुलिस के पास आते हैं। कुछ मामलों में तो पुलिस भी केस दर्ज करने से बचती है। पुलिस उनसे ठगी के नाम पर सबूत मांगती है लेकिन सबूत न होने के कारण इस तरह के मामले बाद में ठंडे बस्ते में चले जाते हैं। गौरतलब है कि सप्ताह में 3 से चार दिन इस तरह के मामले दर्ज हो रहे हैं, वहीं स्थानीय जिले में जो लोग इस तरह कार्य कर हैं। उन पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन मौन नजर आ रहा है। यदि इन पर लगाम लग जाए तो ठगी की घटनाएं कम हो सकती हैं। 

बेरोजगारी भी विदेश जाने की वजह 
बातचीत में सामने आया कि युवाओं को ज्यादा पैसे कमाने की लालसा है। इसी तरह विदेशों में अपराध कम हैं, वे वहां जाकर सुकून महसूस करते हैं। आपसी लड़ाई झगड़े और विवाद से बचने के लिए भी युवा विदेशों का रुख कर रहे हैं। इसी तरह भारत में नशे का प्रकोप है जबकि विदेशों में ऐसा नहीं है। वहीं जब एन.आर.आई. भारत लौटते हैं तो उनकी चकाचौंध और प्रलोभन में भी स्थानीय युवा आ जाते हैं। इसी तरह पढ़ाई के नाम पर भी विदेश में जाने का क्रेज है। इन सब से बड़ी वजह बेरोजगारी और यहां पर कम वेतन मिलना है। 

नकद पैसों के कारण आ रही दिक्कत 
 जो लोग विदेश जा रहे हैं, वे भेजने वाले एजैंट की पूरी जानकारी नहीं लेते। उन्हें तो उनका रजिस्ट्रेशन नंबर तक नहीं पता होता। इतना ही नहीं जिस कंट्री में उन्हें भेजने की बात कही जाती है और उन्हें भेज कहीं ओर दिया जाता है। ऐसे में वे वीजा भी चैक नहीं करते हैं, वे उन्हीं के भरोसे पर ही रहते हैं। वहीं अधिकतर लोग जिनके साथ ठगी हुई है उन्होंने नकद पैसे दिए हैं। ऐसे में कोई जुर्म नहीं बनता। नियम के मुताबिक एजैंट को चैक दिया जाए, आर.टी.जी.एस. किया जाए या फिर उसके खाते में पैसे डाले जाएं। इसके अलावा यह जानना भी जरूरी है कि जिस एजैंट के माध्यम से वे जा रहे हैं उसका चरित्र कैसा है, क्या पूर्व में उसने किसी के साथ ठगी की या फिर उसके भेजे लोग सैटल हैं। 

पहले कहा- उत्तरी अमरीका, बाद में कनाडा
यमुनानगर शहर पुलिस ने 6 लाख रुपए की ठगी का मामला दर्ज किया था। पीड़ित युवक ने पुलिस को बताया कि एजैंट ने उसे उत्तरी अमरीका में भेजने का लालच दिया। कहा कि यहां कमाई ज्यादा है। जब वहां बात नहीं बनी तो कनाडा भेजने की बात कही। वहां पर भी नहीं भेजा गया, जब पैसे वापस मांगे तो जान से मारने की धमकी दी।

मां ने गहने गिरवी रखे, तब जुटाए पैसे
बेड़थल के बलवंत ने 12वीं की हुई है। आगे की पढ़ाई के लिए उसे विदेश जाना था। एजैंट ने उसे बताया कि वह उसे 9 लाख रुपए में उत्तरी अमरीका के सैंट लूसिया भेज देगा। 3 लाख रुपए देने पर भी उसे विदेश नहीं भेजा गया। एक दिन एजैंट ने कहा कि वह उसे कैनेडा भेज देगा लेकिन इसके लिए उसे सवा 13 लाख रुपए देने होंगे। कुल मिलाकर एजैंट को 7 लाख रुपए टोकन मनी दे दी गई। उसे कहीं भी नहीं भेजा गया। शिकायतकत्र्ता ने बताया कि ये सब पैसे उसकी मां ने गहने गिरवी रखकर जुटाए थे। 
 

मलेशिया में पैनासोनिक कम्पनी की बजाय जंगल में बनी प्लाईवुड फैक्टरी में भेजा
बीते शुक्रवार को शहर यमुनानगर पुलिस ने विदेश भेजने के नाम पर 18 लाख रुपए ठगने का मामला दर्ज किया था। कांसपुर निवासी सतीश ने बताया कि उस सहित 6 लोग मलेशिया जाने के इच्छुक थे। उन्हें कहा गया कि पैनासोनिक कम्पनी में पैकिंग का काम दिया जाएगा लेकिन उन्हें जंगल में बनी एक प्लाईवुड फैक्टरी में काम करने के लिए मजबूर किया गया। इतना ही नहीं उन्हें अंधेरे कमरे में 2 दिन तक बंधक रखा व मारपीट की। 

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