मॉल रोड बंद करने का प्रस्ताव 6-3 से गिरा

Edited By Deepak Paul, Updated: 15 Jan, 2019 01:38 PM

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छावनी कैंटोनमैंट बोर्ड में माल रोड बंद करने को लेकर सोमवार को बुलाई गई बैठक में एक बार फिर से आर्मी की तरफ से प्रस्ताव लाया गया, जिसे लेकर भाजपा के सभी पार्षदों ने इसे पूर्ण रूप से बंद करने को लेकर अपना विरोध जताया।

अम्बाला छावनी(जतिन्द्र): छावनी कैंटोनमैंट बोर्ड में माल रोड बंद करने को लेकर सोमवार को बुलाई गई बैठक में एक बार फिर से आर्मी की तरफ से प्रस्ताव लाया गया, जिसे लेकर भाजपा के सभी पार्षदों ने इसे पूर्ण रूप से बंद करने को लेकर अपना विरोध जताया। बैठक में इस मुद्दे को लेकर वोटिंग करवाई गई, जिसमें प्रस्ताव 6-3 से गिर गया। दरअसल, लंबी लड़ाई के बाद 8 महीने से पब्लिक के लिए खुली माल रोड को लेकर आर्मी कैंट बोर्ड में प्रस्ताव लाने को लेकर दूसरी बार सोमवार को विशेष बैठक बुलाई गई थी, जिसमें आर्मी की तरफ से सभी पार्षदों के समक्ष मॉल रोड की सुरक्षा का हवाला देते हुए इसे पुन: बंद करने का प्रस्ताव रखा गया। 

इस प्रस्ताव पर भाजपा पार्षदों ने चर्चा की जिसमें मॉल रोड पर सुरक्षा के तहत कुछ समय सुबह, दोपहर व शाम को बंद करने पर सहमति जताई लेकिन आर्मी के अधिकारी इसे पूर्ण रूप से बंद करवाने पर अडिग रहे। इस चर्चा में कोई हल नहीं निकला तो कैंट बोर्ड उपप्रधान ने इस मसले पर वोटिंग कराने की सलाह दी। जिसे सदन ने स्वीकार कर लिया। वोटिंग में यह प्रस्ताव 6-3 से गिर गया। 

इस प्रस्ताव को लेकर भाजपा के सभी 6 पार्षदों ने मॉल रोड को पूर्ण रुप से बंद करने का विरोध किया व सेना की तरफ से मौजूद तीनों अधिकारियों ने इसके पक्ष में वोट डाला। इस प्रक्रिया में कैंट बोर्ड सी.ई.ओ. ने वोटिंग में भाग नहीं लिया। बैठक में मौजूद सी.ई.ओ. ने इसके लिए तर्क दिया कि इस प्रक्रिया में एक तरफ पार्षद है एक तरफ सेना। 

इसलिए इस वोटिंग से सी.ई.ओ. वरुण कालिया ने अपने को इस से अलग रखा। वोटिंग में कैंट बोर्ड के पूर्व उपप्रधान ने भी भाग नहीं लिया।इस प्रस्ताव के 6-3 से गिरने के बाद इस प्रस्ताव को लेकर उपप्रधान का मानना है कि अब इस प्रस्ताव पर अगर रूल प्रेसिडैंट सहमत नहीं होते तो इस प्रस्ताव को वैस्टर्न कमांड के पास अंडर सैक्शन 56 कैंटोनमैंट बोर्ड रुल के तहत भेजा जा सकता है जिसमें इस पर हुई वोटिंग को लेकर अपनी टिप्पणी की जा सकती है व वैस्टर्न कमांड इस पर कोई फैसला ले सकता है। जिसमें एक माह का समय लगने की संभावना है। इसे लेकर भाजपा के पार्षद भी अपनी तैयारी में जुटे हैं

मीडिया को रखा बैठक से दूर
सोमवार को इस प्रस्ताव को लेकर चर्चा के लिए मीडिया को इस बैठक से दूर रखने के आदेश दिए गए। इस प्रस्ताव को लेकर कैंट बोर्ड को पहले ही इसका विरोध का आभास लग रहा था जिसे लेकर पहले ही बैठक में हंगामे के आसार नजर आ रहे थे। 
 

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