Edited By Rakhi Yadav, Updated: 19 Sep, 2018 10:21 AM
शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा और निजी स्कूल एसोसिएशन के बीच बनी सहमति में प्रदेश के 3206 अस्थायी स्कूलों की मान्यता बढ़ाने को लेकर मंत्री का आदेश बेअसर साबित हुआ है। करीब एक पखवाड़ा पहले....
चंडीगढ़(पांडेय): शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा और निजी स्कूल एसोसिएशन के बीच बनी सहमति में प्रदेश के 3206 अस्थायी स्कूलों की मान्यता बढ़ाने को लेकर मंत्री का आदेश बेअसर साबित हुआ है। करीब एक पखवाड़ा पहले शिक्षा मंत्री की ओर से की गई घोषणा अब तक कागजी रूप नहीं ले सकी है। इसके कारण इन स्कूलों के करीब 10 लाख बच्चों के भविष्य पर तलवार लटकी हुई है।
इस मामले में नैशनल इंडिपैंडैंट स्कूल एलाइंस (निसा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि खट्टर सरकार के लटकाऊ रवैये के कारण निजी स्कूलों में पढऩे वाले करीब 10 लाख स्टूडैंट्स का भविष्य अधर में लटका हुआ है और बार-बार आग्रह व सरकार के आश्वासनों के बाद भी सरकार ने इन स्टूडैंट्स को राहत देने वाला लैटर जारी नहीं किया है।
शर्मा ने कहा कि 2003 से प्रदेशभर में अस्थायी मान्यता व परमिशन प्राप्त स्कूल चलते आ रहे हैं। लेकिन खट्टर सरकार ने अभी तक इन 3206 स्कूलों की अस्थायी मान्यता व परमिशन के लिए एक्सटैंशन का लैटर जारी नहीं किया। जिसके कारण इन स्कूलों में पढऩे वाले स्टूडैंट्स का बोर्ड का एग्जाम देना संभव नहीं हो पा रहा है। जबकि हरियाणा शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा इन स्कूलों को देखते हुए तीन बार एफिलेशन की तारीख बढ़ाई जा चुकी है।