रास्ते की जगह पर मालिकाना हक को लेकर विवाद, धरने में विधायक प्रतिनिधि भी शामिल

Edited By kamal, Updated: 30 May, 2019 10:30 AM

controversy over proprietary rights in place of road

जंडली पुल के साथ विराट नगर में एक सड़क के निर्माण व उस पर मालिकाना हक को लेकर 2 पक्षों के बीच चल रहा विवाद...

अम्बाला शहर(मुकेश): जंडली पुल के साथ विराट नगर में एक सड़क के निर्माण व उस पर मालिकाना हक को लेकर 2 पक्षों के बीच चल रहा विवाद बुधवार को सड़क तक पहुंच गया। डी.सी. के रवैए से नाराज विराट नगर निवासियों ने उनके आदेशों के खिलाफ धरना शुरू प्रदर्शन किया। खास बात यह रही कि इस धरने में विधायक असीम गोयल के प्रतिनिधि रितेश गोयल व भाजपा नेता चंद्र गुप्त बंसल भी शामिल हुए जिन्होंने लोगों की समस्या का उचित समाधान करवाने का आश्वासन दिया।

गुस्साए लोगों ने डी.सी. व जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वहीं, सूचना मिलने के बाद तहसीलदार अम्बाला विक्रम सिंगला भी मौके पर पहुंचे और लोगों के पक्ष को सुना। तहसीलदार द्वारा दिए गए आश्वासन के बाद लोगों ने धरना समाप्त किया। विराट नगर निवासियों ने बताया कि 1963 के डी.टी.पी. के प्लान में बाकायदा इस कालोनी का नक्शा पास है।
इतना ही नहीं, विराट नगर से आदर्श नगर से होते हुए माडल टाऊन तक जाने वाली सड़क को दर्शाया गया है। लोगों ने कहा कि पिछले 50 वर्षों में विराट नगर से आदर्श नगर की तरफ जाने वाली सड़क का निर्माण कई बार नगर निगम व नगर परिषद ने करवाया। 

वर्षों से लोगों के लिए खुला रहा रास्ता
स्थानीय निवासी जनार्दन ठाकुर, रमिन्द्र गोयल, जितेन्द्र चौहान अशोक कुमार सूद, सतीश कुमार, कर्ण, विनोद पूरी, रवि प्रकाश, विशाल, राकेश कुमार, उमेश गांधी, उमाकांत गांधी, रविन्द्र सिंह, हंसराज गोस्वामी, कैलाश भाटिया, हितेष कुमार सहित अन्य ने कहा कि आदर्श नगर से आने वाले लोग इस रास्ते को वर्षों से इस्तेमाल कर रहे हैं। पहले कभी किसी ने इस रास्ते पर अपना मालिकाना हक नहीं जताया लेकिन जब करीब एक वर्ष पहले नगर निगम ने सड़क को तोड़ा और दोबारा निर्माण शुरू किया तो एक व्यक्ति ने आकर इसे अपनी मलकीयत बताते हुए निर्माण को रुकवाया दिया।

इस दौरान लोगों ने तहसीलदार विक्रम सिंगला व रितेश गोयल को सभी दस्तावेज दिखाए जिसके बाद तहसीलदार विक्रम सिंगला ने आश्वासन दिया कि इस सम्बंध में उचित कार्रवाई की जाएगी, किसी के साथ कोई धोखा नहीं होने दिया जाएगा।

यह था मामला
शहजादपुर के बीरू राम धीमान पुत्र फकीर चंद ने शिकायत दी थी कि 20 मई 2018 को वह दिहाड़ी करने बाहर गया था। उसकी पत्नी सोमी देवी ने बताया कि उसके पीछे शहजादपुर के 4 लड़के चक्की पर आए और जबरदस्ती उसके लड़के चरणजीत को गाड़ी में अपने साथ ले गए। सोमी देवी द्वारा मना करने पर उन लड़कों ने एक घंटे का आने का आश्वासन दिया लेकिन जब वह काफी समय तक नहीं आए तो शाम करीब 6 बजे उन्हें सूचना मिली।

लड़का सैक्टर-6 पंचकूला में है, वहां पहुंचे तो चरणजीत मृत मिला। पुलिस के बयान थे कि चरणजीत की मौत मोरनी के टिक्कर ताल में पानी में डूबने से हुई है। 21 मई 2018 को शहजादपुर पुलिस ने 4 आरोपियों के खिलाफ धारा-306, 364, 120बी के तहत मामला दर्ज किया था।

पुलिस ने दबाव में नहीं किया गिरफ्तार
मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी न होने के कारण रोषस्वरूप परिजन 13 फरवरी से धरने पर बैठे थे। इस दौरान पुलिस विभाग व अनेक समाजसेवी संस्थाओं के लोग उनसे मिले लेकिन परिजनों का कहना था कि उन्हें इंसाफ चाहिए। मृतक के पिता वीरू राम का कहना था कि पुलिस ने दबाव में आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया। उसे आज तक जांच में शामिल नहीं किया गया और उनके लड़के का लूटा हुआ मोबाइल, बटुआ और उसके कपड़े उन्हें आज तक नहीं दिए गए।

परिजनों का कहना है कि आरोपियों को गिरफ्तार करने की बजाय दबाव में मुकद्दमे की कैंसलेशन रिपोर्ट लिखकर कोर्ट में भेज दी गई है। इसी कारण पुलिस प्रशासन से इंसाफ न मिलता देखकर वे अपना धरना समाप्त कर रहे हैं लेकिन वे इंसाफ के लिए कोर्ट में लड़ते रहेंगे और आरोपियों को सजा दिलवाकर रहेंगे। इस बारे डी.एस.पी. अमित भाटिया का कहना था कि मामले में इन्वैस्टिगेशन रिपोर्ट और मैडीकल व अन्य रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर दी गई हैं। कोर्ट ने बीरू राम को 31 मई के लिए सम्मन जारी किया है। उसके बाद ही आगामी कार्रवाई होगी।

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