किरण व तंवर 27 मई को होंगे आमने-सामने, करनाल में फिर उजागर होगी कांग्रेस की फूट

Edited By Nisha Bhardwaj, Updated: 17 May, 2018 04:17 PM

congress kiran chaudhary ashok tanwar

कांग्रेस की फूट और आपसी खींचतान कोई नई बात नहीं है। पार्टी में चौधर की जंग लगातार चलती रहती है। इसी फूट का एक नजारा 27 मई को करनाल में देखने को मिलेगा, जब किरण चौधरी और अशोक तंवर 2 अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे। पूर्व सी.एम. हुड्डा और किरण...

अंबाला (वत्स): कांग्रेस की फूट और आपसी खींचतान कोई नई बात नहीं है। पार्टी में चौधर की जंग लगातार चलती रहती है। इसी फूट का एक नजारा 27 मई को करनाल में देखने को मिलेगा, जब किरण चौधरी और अशोक तंवर 2 अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे। पूर्व सी.एम. हुड्डा और किरण चौधरी के बीच छत्तीस का आंकड़ा है। दोनों के बीच खींचतान के चलते एक बार किरण चौधरी हुड्डा के विरोधी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर के खेमे में चली गई थीं। हुड्डा के ही विरोधी कैप्टन अजय सिंह यादव भी तंवर के खेमे में आ गए थे। राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने व तंवर का कार्यकाल बढ़ाने के बाद से ही अशोक तंवर पूरे प्रदेश में एक्टिव होकर काम कर रहे हैं। वह कई जिलों में साइकिल यात्रा निकाल चुके हैं। एक बार फिर मई के अंत में उनकी साइकिल दौड़ने वाली है। 

साइकिल यात्रा के दौरान भी वह हुड्डा पर कटाक्ष करते रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस में रणदीप सुरजेवाला भी केंद्र की राजनीति से ज्यादा प्रदेश की राजनीति में रुचि लेने लगे हैं। रणदीप भी प्रदेश में कई सफल रैलियों का आयोजन कर चुके हैं। हुड्डा अपनी अलग राजनीति कर रहे हैं। वे कुलदीप बिश्नोई के बाद कुमारी शैलजा को भी अपने खेमे में शामिल कर चुके हैं। ऐसा लग रहा है कि इस समय किरण चौधरी ने भी अपनी अलग ‘डफली’ बजाना शुरू कर दिया है। उनकी अशोक तंवर से दूरी बढ़ती नजर आ रही है। किरण चौधरी करनाल में व्यापारी सम्मेलन को संबोधित करने जा रही हैं। इस सम्मेलन में बड़ी संख्या में व्यापारियों के आने की संभावना है। सम्मेलन की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। सम्मेलन का मकसद व्यापारी वर्ग को कांग्रेस के साथ जोड़ना है। ऐसा ही भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र भी कर चुके हैं। 

हाल ही में हुड्डा की राहुल गांधी से मुलाकात के बाद प्रदेश कांग्रेस में हलचल और बढ़ गई है। चर्चा यहां तक चली की दलित वोट बैंक को कांग्रेस के पक्ष में करने व तंवर को अध्यक्ष पद से हटाने के लिए ही हुड्डा ने शैलजा को अपने साथ जोड़ लिया। इसका कारण यह है कि अगर हुड्डा की चली तो वे तंवर की जगह शैलजा को प्रदेश अध्यक्ष बनवा सकते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए तंवर अब और एक्टिव हो गए हैं। दलितों को साथ जोड़ने के लिए वे इस सम्मेलन का आयोजन कर रहे हैं। इस तरह कांग्रेस के ये दोनों नेता एक ही दिन एक ही स्थान पर आमने-सामने होने जा रहे हैं। 

किरण चौधरी ने कहा कि व्यापारी सम्मेलन काफी समय पहले ही तय हो चुका था। तंवर का कार्यक्रम बाद में तय हुआ है। तंवर के कार्यक्रम की मुझे कोई जानकारी नहीं है। अच्छा होता तंवर व्यापारी सम्मेलन में भी आते।
 

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