Edited By Updated: 28 Jun, 2016 02:44 PM
3 दिन बाद सोमवार को पिंकी के भाई ने साथ ले जाने से मना कर दिया। उसका भाई
यमुनानगर: 3 दिन बाद सोमवार को पिंकी के भाई ने साथ ले जाने से मना कर दिया। उसका भाई अमित यमुनानगर आया लेकिन उसने अपने साथ अपनी दिव्यांग बहन को ले जाने से मना कर दिया। अमित ने तर्क दिया कि यदि वह पिंकी को अपने साथ लेकर जाएगा तो उसकी पत्नी उसे छोड़ कर चली जाएगी। वैसे भी वह इस हालत में नहीं है कि पिंकी का खर्च उठा सके। अब सभी की नजर पिंकी के ससुराल वालों पर टिकी है की वे उसे अपनाते हैं या नहीं। इसके लिए आज एक टीम पिंकी के ससुराल वालों से बातचीत करने के लिए पेहवा जाएगी।
रूपनगर से यमुनानगर पहुंचा भाई
मंगलवार को बुलावे पर पिंकी का भाई पंजाब के जिला रूपनगर के नंगल निवासी अमित कुमार यमुनानगर पहुंचा। यहां पर उसने उत्थान संस्थान की निदेशिका अंजू वाजपेयी से बातचीत की। अंजू वाजपेयी ने अमित से पूछा की उसने पिंकी को इस हालत में क्यों छोड़ा। अमित ने बताया कि उन्होंने डेढ़ साल पहले पिंकी की शादी पेहवा निवासी सोनू के साथ की थी। शादी के दौरान पिंकी बिल्कुल ठीक थी। शादी के बाद पिंकी के पास एक लड़की हुई थी। अमित ने बताया कि पिंकी को लड़की होने के बाद से ही उसकी तबीयत खराब हो गई। इसके बाद वह चलने फिरने से लाचार हो गई।
अमित ने बताया कि एक दिन जब वे घर पर नहीं थे तो उसकी ससुराल वाले पिंकी को उनके दरवाजे पर छोड़ कर चले गए। अमित के अनुसार वे काफी गरीब परिवार से हैं और बड़ी मुश्किल से घर का गुजारा चलाते हैं इसलिए उन्होंने पिंकी को घर में रखने की बजाय पड़ोस के ही एक आश्रम में भेज दिया था। वहां डेढ़ महीना रहने के बाद आश्रम वाले पिंकी को उनके घर ले आए लेकिन उसकी पत्नी पिंकी को घर में रखने के लिए राजी नहीं थी। उसकी पत्नी ने धमकी दी थी कि यदि पिंकी यहां रहेगी तो वह घर छोड़ कर चली जाएगी। इसलिए उसने अपने दूसरे भाई के साथ मिलकर पिंकी को अंबाला जाने वाली एक ट्रेन में अकेले ही बिठा दिया था। अंबाला में एक वकील की नजर पिंकी पर पड़ी थी। उसने इसकी सूचना पुलिस को भी दी थी लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इस तरह पिंकी यमुनानगर-जगाधरी रेलवे स्टेशन पर पहुंच गई। शुक्रवार रात को लोगों ने उसे लावारिस हालत में देखा तो पुलिस को सूचना दी। तब से पिंकी ट्रामा सैंटर में रह रही है।
एस.डी.एम. को घटना से करवाया अवगत: वाजपेयी
वहीं प्रशासन ने एस.डी.एम. जगाधरी को सारी घटना से अवगत कराया है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि पहले पिंकी का इलाज करवाया जाएगा। साथ ही वे मंगलवार को पेहवा में पिंकी की ससुराल वालों से भी मिलने जाएंगे। उत्तरांचल सभा भी मदद के लिए आगे आई है। प्रयास है कि पिंकी को स्थायी ठिकाना मिले।