Edited By Updated: 24 Oct, 2016 04:05 PM
पिछले 8 साल से लगातार क्षेत्र के विभिन्न गांवों के किसान अपनी 259 एकड़ अधिग्रहण की गई जमीन का मुआवजा लेने के लिए
यमुनानगर (त्यागी): पिछले 8 साल से लगातार क्षेत्र के विभिन्न गांवों के किसान अपनी 259 एकड़ अधिग्रहण की गई जमीन का मुआवजा लेने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने के साथ-साथ सड़कों पर उतरने व अधिकारियों का घेराव करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। अपनी ही जमीन का मुआवजा लेने के लिए सरकार से इस प्रकार लड़ाई लड़नी पड़ेगी ऐसा किसानों ने कभी सोचा भी नहीं था। हद तो तब हो गई जब कोर्ट के आदेश के बावजूद किसान मुआवजे के लिए भटक रहे हैं।
इसी मामले में कोर्ट ने जिला डी.सी. व अन्य अधिकारियों की गाड़ियां तक भी अटैच कर ली हैं। बावजूद इसके किसानों के हाथ खाली हैं और कभी क्षेत्र में बड़े किसान कहलाने वाले आज पैसे को मोहताज हैं और उनका कहना है कि वे जरूरत से ज्यादा कर्ज बंद होते जा रहे हैं। बच्चों को पढ़ाना-लिखाना तो दूर उनकी शादियां तक करने के लिए उनके पास पैसा नहीं है। सरकार है कि उनकी जमीन का मुआवजा उन्हें नहीं दे रही है। आए दिन ये किसान आंदोलन, बैठकें कर रहे हैं, अदालतों के चक्कर लगाकर ये परेशान हो गए हैं। अब इन किसानों का कहना है कि इनके पास आत्महत्या के अलावा कोई चारा नहीं है। किसान इस लड़ाई को कोर्ट से चाहे जीत गए हों लेकिन सरकार के सामने हार गए हैं, क्योंकि जीत के बाद भी उन्हें मुआवजा नहीं मिला।