Edited By Updated: 25 Jun, 2016 01:40 PM
यमुनानगर के रेलवे स्टेशन के प्लेट फार्म नंबर 2 पर इंसानियत शर्मसार हो रही थी लोग आ-जा रहे थे लेकिन...
यमुनानगर (हरिंदर सिंह): यमुनानगर के रेलवे स्टेशन के प्लेट फार्म नंबर 2 पर इंसानियत शर्मसार हो रही थी लोग आ-जा रहे थे लेकिन इस भीड में एक 20 साल की पढ़ी लिखी मासूम दिव्यांग अपने ही भाइयों को कोस रही थी और यह मासूम पिंकी राजपूत है, जोकि पंजाब के नंगल की रहने वाली है, लेकिन इसके दो दो भाई इसे बोझ समझ कर बीच रास्ते में ही छोड कर चले गए।
पिंकी ने सुनाई दर्दनाक कहानी
पिंकी के अनुसार उसके 2 भाई जो कभी उसे बेहद प्यार करते थे लेकिन मां-बाप के दुनिया छोड़ते ही जाते ही अपने भी पराए हो गए। दोनों भाइयों की शादी हो गई और जो भाई कभी राखी के लिए कलाई आगे करते थे। उन्हीं हाथों से वे उन्हें रेलवे स्टेशन पर ही छोड़कर चले गए।
पिंकी का कहना है कि जब उसके भाई उसे यह कह कर घर से लेकर गए थे कि वह उसे गंगा में स्नान करवाने के लिए लेकर जा रहे है तो बडे भाई की आंखों से आंसू टपक रहे थे बहन अपने भाई के आंसूओं को समझ तो रही थी, लेकिन उसे यह नहीं मालूम था कि उसके भाई उसे किसी आनाथ आश्रम में नहीं, बल्कि रेलवे लाइनों के पास छोड़कर चले जाएंगे।
उसका कहना है कि वह रेल में बैठी सो गई और जब आंख खुली तो उसके भाई उसे छोड़ कर जा चुके थे, लेकिन किसी भले मानस ने इसे यमुनानगर के रेलवे स्टेशन के प्लेट फार्म पर उतार दिया, लेकिन पिंकी एक कदम भी नहीं चल सकती और लोग प्लेट फार्म पर इसे देखकर आगे बढ़ते गए, लेकिन तभी एक युवक की नजर जब इस पर पड़ी तो वह मदद के लिए आगे आया।
हैरानी इस बात की भी रही कि रेलवे प्लेटफार्म पर रेलवे की तरफ से भी कोई अधिकारी मौके पर नही दिखा पर जब मीडिया ने अलग-अलग संस्थाओं को फोन किया तो तो कोई जवाब नहीं मिला, लेकिन उत्थान की तरफ से जरूर निर्देशका मौके पर पहुंची और पीड़िता को आनन-फानन में अपने साथ पहले अस्पताल में ले गई, जहां लड़की को उपचार के लिए दाखिल करवाया।
इसी बीच एक ऐसा वाक्य भी सामने आए जो दिल दहला देने वाला था और वह था कि यहां अपनो ने इस मासूम को अपाहिज समझ कर छोड दिया तो वही जब इसे उठाकर अस्पताल ले जाया जाने लगा तो सबसे आगे एक ऐसा व्यक्ति आया जो स्वयं तो लाठी के सहारे चल रहा था, लेकिन लड़की को सहारा देने के लिए उसने अपना सहारा देेते देर नहीं लगाई। वाह रे इंडिया यहां अपने ने मरने के लिए छोड़ा तो सहारा भी दिया तो ऐसे आदमी ने जिसे देख अपना ही दिल पसीज गया।