Edited By Punjab Kesari, Updated: 11 Mar, 2018 11:40 AM
शहर के बीच से रात के 9 बजे के बाद गुजरने वाले रेत बजरी के ओवर व अंडर लोड ट्रकों के कारण रात 9 से ही सुबह 8 बजे तक हाईवे लगभग पूरी तरह से जाम हो जाता है। अब तो रात के समय शहर वासियों ने इन मार्गों से निकलना भी बंद कर दिया है। जहां तक संभव हो सकता है...
यमुनानगर(ब्यूरो): शहर के बीच से रात के 9 बजे के बाद गुजरने वाले रेत बजरी के ओवर व अंडर लोड ट्रकों के कारण रात 9 से ही सुबह 8 बजे तक हाईवे लगभग पूरी तरह से जाम हो जाता है। अब तो रात के समय शहर वासियों ने इन मार्गों से निकलना भी बंद कर दिया है। जहां तक संभव हो सकता है शहर वासी तो वैकल्पिक रास्तों की तलाश कर लेते हैं लेकिन बाहर से आने वाले लोगों को तो नियमित रूप से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक की रोडवेज के चालक भी सुबह 4 बजे के बाद दिल्ली की ओर जाने के लिए हाईवे की बजाय वैकल्पिक रास्तों से निकलकर अपने गंतव्य तक पहुंच रहे हैं।
आए दिन लगने वाले इस जाम से केवल जिले की व प्रदेश की जनता ही परेशान नहीं है, बल्कि पुलिस प्रशासन भी परेशान है और अब तो ऐसा लगता है कि प्रशासन ने इस आए दिन लगने वाले जाम के आगे हाथ खड़े कर दिए हैं। हालांकि पुलिस प्रशासन का दावा है कि जाम से निपटने के लिए रात भर तमाम पी.सी.आर. व यातायात कर्मियों के अतिरिक्त तमाम थानों के प्रभारियों को भी विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हुए हैं और लगभग सभी अधिकारी व कर्मचारी मौके पर तैनात भी रहते हैं।
चाहे पुलिस प्रशासन कितना भी प्रयास कर रहा हो लेकिन रात के समय लगने वाले अब इस जाम से शहरवासियों को मुक्ति केवल नया बाईपास ही दिलवा सकता है। अब देखना यह है कि इस जाम से लोगों को निजात कब मिलती है। जब तक यह बाईपास नहीं चलता और जब तक दामला में लगा टोल टैक्स नहीं हटता तब तक इस जाम से मुक्ति मिलना असंभव है।
ध्वनि प्रदूषण के चलते गुजर रहे मानसिक तनाव से
लगभग रिहायशी क्षेत्रों से गुजर रहे इस हाइवे के आस पास रहने वाले लोग भी ध्वनि प्रदूषण के चलते मानसिक तनाव में है। क्षेत्र के लोग भीम सेन, अर्जुन, राकेश, कुलदीप, संदीप, मोहन, कृष्ण, अनिल, सुशील, संजीव आदि ने बताया कि रात 9 बजे के बाद तो हालत यह है कि लगातार गाडिय़ों के हार्न बजते रहते हैं।
राजनीतिक संगठन व एन.जी.ओ. भी कर चुके हैं आंदोलन
आए दिन लगने वाले इस हैवी ट्रैफिक जाम को लेकर विभिन्न एन.जी.ओ. व राजनीति संगठन भी कई बार आंदोलन कर चुके हैं। इतना ही नहीं आए दिन इस जाम को लेकर लोग परेशान हो रहे हैं और दुर्घटनाओं के शिकार भी हो रहे हैं। आए दिन सड़कें खून से लाल हो रही हैं और प्रशासन के बस की कुछ बात दिखाई नहीं दे रही। विश्वकर्मा चौक कैंप से लेकर जोडिय़ों तब बनाए गए फोरलेन मार्ग के बीच बनाए गए करीब 5 फुट के डिवाइडर ने मुश्किलें बढ़ाई हुई हैं
कैम्प क्षेत्र के लोगों का कहना है कि यदि इस डिवाइडर को सड़क के बीच में ही प्रयोग में लाया जाए तो समस्या का काफी हद तक समाधान हो सकता है। इतना ही नहीं करीब 2 किलोमीटर लंबे इस डिवाइडर में 2 दर्जन से अधिक तो कट लगे हुए हैं, जोकि जाम का कारण बनते है। ह्यूमैन हैल्प लाइन के विनय अग्रवाल, नवतेज गांधी, उमेश कुमार, मनोज त्यागी व मदन आदि का कहना है कि इस संबंध में कई बार जिला प्रशासन को अवगत करवाया जा चुका है लेकिन जिला प्रशासन के बस की भी शायद कोई बात नहीं है। इन पदाधिकारियों का कहना है कि जिला प्रशासन बाईपास निर्माण कर रही कंपनी पर दबाव बनाए और जल्द से जल्द इस बाईपास को चालू करवाए तभी इससे निजात मिल सकती है।
खुद ही खुलवाना पड़ता है जाम
गतदिवस जाम में फंसे सुरेन्द्र कुमार जोकि खुद गाड़ी लेकर यहां से निकलने वाले थे और खुद ही यहां ट्रैफिक कर्मी बनकर रह गए। अपनी गाड़ी से निकलकर सुरेन्द्र व कई अन्य गाडिय़ों के चालक यातायात को नियंत्रित करते व गाडिय़ों को साइड में लगवाते देखे गए। सुरेन्द्र ने बताया कि वे खुद काफी लंबे समय से जाम में फंसे हुए है और ऐसे में वे खुद ही अपनी गाड़ी से उतरकर जाम को खुलवाने का प्रयास कर रहे हैं। जाम में फंसे एक अन्य व्यक्ति दर्शन लाल ने बताया कि उसने करीब 1 किलोमीटर का सफर 45 मिनट में तय किया है। यह कोई एक दिन की समस्या नहीं है, बल्कि आए दिन का यही हाल है।